लोकल ट्रेनों में एसी रेक लगाने के लिए पूर्व रेलवे ने बोर्ड को दिया पत्र
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : अब मेट्रो ही नहीं बल्कि लोकल ट्रेन में भी एसी लगा होगा। हालांकि मुम्बई में कई सालों पहले ही एसी लोकल ट्रेन चलायी जा चुकी है। इस बार उसके तर्ज पर ही कोलकाता में भी एसी लोकल ट्रेन चलायी जा सकती है। इसे लेकर पूर्व रेलवे ने रेलवे बोर्ड को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने बोर्ड से ट्रेनों में एसी रेक लगाने की अपील की है। यह सियालदह डिविजन की ओर से दिया गया है। परीक्षण के तौर पर एक एसी रेक भेजा भी गया है। रेलवे बोर्ड की सहमति मिलते ही चेन्नई के इंटिग्रल कोच फैक्टरी से जल्द ही एसी रेक कोलकाता के सियालदह डिविजन में पहुंच जायेगी। हालांकि ये किन किन रूटों में चलायी जायेगी। यह अभी तय नहीं किया गया। हालांकि रेलवे अधिकारियों को यात्रियों से अच्छा रिस्पांस मिलने की उम्मीद है। सियालदह मंडल के डीआरएम शीलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि ट्रेन के रखरखाव और अन्य आपातकालीन कार्यों के लिए बुनियादी ढांचा तैयार है। नतीजतन, अगर बोर्ड सहमत होता है, तो उन्हें किसी भी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मुम्बई में किराया कम करने पर बढ़ी दिलचस्पी : रेलवे सूत्रों के मुताबिक 2016 में मुंबई में एक उपनगरीय ट्रेन में पहला प्रायोगिक वातानुकूलित रैक चलाया गया था। असामान्य रूप से अधिक किराया होने के कारण इसमें लंबे समय तक भीड़ नहीं थी। कुछ महीने पहले किराया बहुत कम किया गया था। शुरुआत में लोकल ट्रेन का न्यूनतम पांच किलोमीटर का किराया प्रथम श्रेणी के लिए 50 रुपये, वातानुकूलित रेक के लिए 75 रुपये था। कुछ महीने पहले, प्रथम श्रेणी के लिए इसे घटाकर 25 रुपये और एयर कंडीशनिंग के लिए 35 रुपये कर दिया गया था। नतीजतन, मुंबई में लोकल ट्रेनों के एसी रैक पर यात्रियों की दिलचस्पी बढ़ गई है।
कोलकाता में सफल हो सकता है प्रयोग : कोलकाता में, वातानुकूलित बसें सामान्य गैर-एसी सरकारी बसों की तुलना में प्रति किलोमीटर अधिक किराया लेती है। वहीं मेट्रो में यात्रियों की दिलचस्पी वातानुकूलित मेट्रो में घूमने में भी ज्यादा है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, लोकल ट्रेनों के मामले में वातानुकूलित रैक का उपयोग एक अच्छी प्रतिक्रिया हो सकती है। अधिकारियों के अनुसार मेट्रो से अगर ट्रेन का किराया कम रखना कारगर हो सकता है।
मेट्रो से पहले सियालदह डिविजन में दुरुस्त होगी परिसेवाएं : उपनगरीय शाखाओं में लोकल ट्रेनों की गति जल्द ही बढ़ाकर अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की जाएगी। साथ ही सियालदह मंडल की सभी शाखाओं में 12 कोच रैक चलाने के लिए प्लेटफॉर्म 2, 3 और 4 की लंबाई बढ़ाने का काम मानसून के बाद शुरू हो जाएगा। यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए सियालदह में वातानुकूलित यात्री प्रतीक्षालय शुरू किया गया है। पार्क सर्कस और सियालदह स्टेशन के बीच रेलवे लाइन के दोनों किनारों पर झोपड़ियों को हटा दिया गया है और पेड़ लगाए गए हैंवहीं जब मेट्रो परिसेवा शुरू हो जायेगी तो सियालदह स्टेशन पर इसका असर देखने को मिलेगा। इसलिए मेट्रो के विस्तार के साथ ही रेलवे उपनगरीय ट्रेन सेवाओं में सुधार करना चाहता है।
मुम्बई के तर्ज पर सियालदह से भी जल्द छूटेगी एसी लोकल ट्रेन
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