ऑफिस टाइम में हो रही परेशानी
दिन में खाली मिल रही बसें
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाताः महानगर व आस-पास की सड़कों पर अचानक बसों की संख्या में कुछ कमी नजर आ रही है। माना जा रहा है कि कोरोना वायरस के प्रभाव से काफी संख्या में लोगों ने वैकल्पिक स्त्रोत तो फिर काफी ने वर्क फ्रॉम होम का रास्ता चुन लिया है। इस कारण यात्रियों की संख्या में अचानक कमी आने लगी है। सिटी सबर्बन बस सर्विसेज के महासचिव टीटू साहा ने दावा किया कि करीब 50% यात्री अचानक कम हुए हैं। इस कारण 30% बसें सड़कों पर नहीं उतर रही हैं।
बस संगठनों का दावा नहीं निकल पा रहा ईंधन का खर्च
ईंधन के बढ़ते दामों और कोविड-19 के कारण कम यात्रियों के चलते कोलकाता में बड़ी संख्या में निजी बसें सड़कों से नदारद हैं, जिसके कारण यात्रियों को हाल के दिनों में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ निजी बसों से जुड़े संगठन लगातार बसों का किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। यात्रियों ने महानगर और उसके उपनगरों में कम निजी बसों के परिचालन के कारण पिछले सप्ताह की तुलना में अपने गंतव्य तक पहुंचने में देरी की शिकायत की है। ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट के महासचिव तपन बनर्जी ने कहा, ‘ईंधन के ऊंचे दामों और यात्रियों की संख्या सीमित होने के कारण कुल मिलकर सेवाओं को चरमरा कर रख दिया है। टिकटों की इतनी बिक्री भी नहीं हो रही कि ईंधन का खर्च निकल जाए, दूसरे खर्चों की बात तो छोड़ ही दीजिये।’ ऑल बंगाल बस मिनी बस समन्वय समिति के महासचिव राहुल चटर्जी के अनुसार राज्य में लगभग 27 हजार निजी बसें हैं। अधिकारियों ने कहा है कि बीते सप्ताह से लगभग 25 से 30 प्रतिशत बसें नदारद हैं।
सीएम को पत्र लिखेगा बस संगठन
राहुल चटर्जी ने कहा कि हम राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम को पत्र लिखेंगे। साथ ही अपील करेंगे कि वह बस मालिकों की स्थिति पर भी विचार करें।
एक नजर इस पर
निजी बसें (महानगर)- करीब 6000
बस सिंडिकेट के अंतर्गत- करीब 3500
राज्य में निजी बसें- करीब 27 हजार
यात्री हुए 50% कम तो 30% बसें भी सड़कों से नदारद
Visited 71 times, 1 visit(s) today