कोलकाताः राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर से राज्य सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि कोरोना काल में काफी भ्रष्टाचार कोविड फंड को लेकर हुआ। ऐसी कई बातें सामने आ रही हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक कमेटी भी गठित की थी। इस कमेटी में ऐसे लोग भी हैं जिन पर खुद जांच होनी चाहिए। हालांकि वही लोग जांच अधिकारी हैं। ऐसे में इस पर क्या रिपोर्ट आएगी समझ से परे है। इसकी सही रिपोर्ट जारी की जाए।
टेंडर कहीं किसी एक को तो नहीं
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जहां पूरे देश में उत्कृष्ट कार्य हुए हैं, दूसरी तरफ राज्य सरकार द्वारा खरीदे गये उपकरण की निविदा प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर भी उन्होंने सवाल किए। साथ ही कहा कि अगस्त,2020 में टेंडर को लेकर एक जांच कमेटी भी राज्य सरकार की ओर से गठित की गई है। हालांकि अब तक इस पर कोई रिपोर्ट जारी नहीं की गई है। जरूरत है कि इसमें लिप्त लोगों को आम लोगों को सामने लाया जाए। साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाए कि कहीं किसी एक को तो टेंडर नहीं दिए गए।
क्लिनिकल ट्रॉयल के लिए राज्यपाल ने दिखाई रुचि
राज्यपाल ने स्वयं भी क्लिनिकल ट्रॉयल में वॉलंटियर होने के लिए रुचि दिखाई। हालांकि इस बारे में नाइसेड की निदेशक डॉ.शांता दत्ता ने कहा कि इस पर आवश्यक जांच के बाद ही निर्णय किया जा सकता है।
बंगाल की चिकित्सा अवसंरचना पर पड़ा दबाव
राज्यपाल ने कहा कि राज्य में केंद्र सरकार की योजना आयुष्मान भारत का कार्यान्वयन न किए जाने से चिकित्सा अवसंरचना पर दबाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संकट के दौरान इस योजना ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई। कोविड-19 के स्वदेशी टीके ‘कोवैक्सीन’ के तीसरे चरण के ट्रायल को शुरू करने के बाद उन्होंने यहां आईसीएमआर-नाइसेड में कहा कि संविधान सभी को साथ लेकर चलने की वकालत करता है और संघर्ष के रवैये के साथ काम नहीं हो सकता। धनखड़ ने कहा, ‘‘पूरे देश में आयुष्मान भारत के कारण हम चिकित्सा जगत में विकास देख सकते थे, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ लोग इसमें भाग नहीं ले सके। हमारा पश्चिम बंगाल इसमें भाग नहीं ले सका। इस कारण से हमारी स्वास्थ्य अवसंरचना पर दबाव पड़ा है।’’ तृणमूल सरकार ने सितंबर में कहा था कि वह योजना को राज्य में लागू नहीं करेगी यदि इसके लिए पैसा राज्य सरकार से खर्च होता है।
राज्यपाल को पद पर रहने का अधिकार नहींः फिरहाद
राज्य के मंत्री व कोलकाता नगर निगम के प्रशासक फिरहाद हकीम ने बुधवार को कहा कि नाइसेड जैसे संस्थान में आकर राजनीतिक बयानबाजी करना किसी को शोभा नहीं देता। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सुबह आकर यहां जो भी बातें कही हैं, ऐसा कहने के बाद मुझे नहीं लगता कि उन्हें इस पद पर बने रहने का अधिकार है। उन्हें अपने पद को छोड़ देना चाहिए। फिरहाद हकीम शाम को नाइसेड में कोवैक्सीन के क्लिनिकल ट्रॉयल के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि देशी टीके के लिए एक वॉलंटियर के रूप में शामिल होना मेरे लिए गर्व की बात है।