कोलकाता : शहरी विकास तथा नगरपालिका मामलों के मंत्री और केएमसी के प्रशासक फिरहाद हकीम ने कोलकाता में बिजली संकट के लिए सीईएससी को कटघरे में खड़ा किया। रविवार को संवाददाता सम्मेलन में फिरहाद ने कहा कि सीईएससी ने माना है कि वे कर्मचारी की कमी से जूझ रहे है। ऐसा हो ही सकता है, मगर अपनी व्यर्थता का ठीकरा राज्य सरकार या केएमसी पर न फोडें। सीईएससी निजी संस्था है सरकार उसे नहीं चलाती। सीईएससी के कारण आम जनता को परेशानी हुई और अभी भी हो रही है। करना पड़ रहा है, इसके हम क्षमा मांगते है। उन्होंने बताया कि रविवार को भी राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने सीईएससी से बात की है। 50% बिजली सेवा बहाल हुई है। फिरहाद ने कहा कि यह सीईएससी की लापरवाही नहीं तो और क्या है। सीईएससी ने नहीं बताया कि कहां कितने पेड़ काटने है। केवल पेड़ नहीं कटे इसके लिए समस्या हुई, ऐसा नहीं है। सीईएससी ने स्वीकारा है कि वे 50 % कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे है। हमने 350 अतिरिक्त कर्मियों को पेड़ काटने के काम पर लगाया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष द्वारा किये गये कटाक्ष पर फिरहाद ने कहा कि, यह राजनीति का समय नहीं है। देश में कोरोना है। इसमें मोदी साहब की तो कोई गलती नहीं। उसी तरह से यहां तूफान विपदा आयी है। इसमें किसी की कोई गलती नहीं है। यह समय राजनीति करने का नहीं है। फिरहाद ने कहा कि पहले से योजना होने के बाद भी पेड़ काटने में समय लगता है। सभी महत्वपूर्ण रास्तों पर गाड़ियां चल रही है। इस आपात समय में सभी का सहयोग काम आएगा। सेना का हम सम्मान करते है। सेना, एनडीआरएफ की सहायता काफी अहम है।
व्यर्थता का ठीकरा सरकार पर न फोड़ें : फिरहाद
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