
कोलकाता : संविधान देश का रक्षा कवच है जो आज संकट में है। कुछ लोग जो सत्ता में हैं उन्हें लगता है कि वह संविधान को अपने मन-मुताबिक बदल सकते है। संविधान को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ये बातें कही। ममता मंगलवार को विधानसभा में संविधान दिवस पर आयोजित विशेष सत्र को संबोधित कर रही थी। ममता ने कहा कि भारत ऐसा देश हैं जहां अलग-अलग जाति, धर्म, समुदाय के लोग रहते है। उन्हें एकसाथ लेकर कैसे चलना है, उनके अधिकार क्या है और उन्हें कैसे प्राप्त होंगे यह निर्धारित करने के लिए ही संविधान का गठन किया गया है। आज भी देश को आगे ले जाने में संविधान का महत्व सबसे अधिक है मगर कुछ लोग उसका गलत इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे है। महाराष्ट्र की सियासत का जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि देश के उच्चतम न्यायालय ने संविधान की भावना को बरकरार रखा और संविधान दिवस के दिन यह विशेष समाचार है। आधी रात को बगैर किसी के जानकारी के गुपचुप तरीके से महाराष्ट्र में सरकार बनी जो संविधान के खिलाफ था। आखिरकार सरकार वहां की गिरी और जनता की जीत हुई।
उन्होंने फारूक अब्दुल्ला का भी जिक्र किया तथा कहा कि तीन महीने से उन्हें कैद किया गया है। आखिर क्यों ? यह सवाल पूछने का मुझे पूरा अधिकार है। अब्दुल्ला के साथ ऐसा करके उनके अधिकारों का ही हनन किया गया है। देश की मौजूदा स्थिति को लेकर ममता ने कहा कि ऐसा माहौल बना दिया गया है कि लोगों की बोलने की आजादी छीन ली गयी है। कोई आवाज उठाना चाहता है तो उसे रोका जा रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए जिस सोच के साथ संविधान की रचना की गयी थी उसे सार्थक करने की जरूरत है।