
देरी से पहुंचने को बताया जा रहा है कारण
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : नयी सरकार के गठन के बाद आगामी 2 जुलाई से पश्चिम बंगाल विधानसभा का पहला अधिवेशन शुरू होने वाला है। इससे पहले सोमवार को विधानसभा में सर्वदलीय बैठक स्पीकर ने बुलायी थी। विपक्षी दल में भाजपा के 74 और एक आईएसएफ का विधायक है। भाजपा के 5 विधायक सर्वदलीय और उसके बाद बीए कमेटी की बैठक में पहुंचे थे। हालांकि यहां महत्वपूर्ण बात ये है कि विधानसभा में मौजूद रहने पर भी विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी सर्वदलीय बैठक में नहीं गये, जिसे लेकर चर्चा जोरों पर है। सूत्रों के अनुसार, सोमवार को सर्वदलीय बैठक में शुभेंदु की मौजूदगी को लेकर पहले से काफी चर्चा थी। सोमवार को शुभेंदु अधिकारी विधानसभा आये थे। सर्वदलीय से पहले भाजपा परिषदीय दल की बैठक हुई। हालांकि इसके बाद शुभेंदु को नहीं देखा गया। वह सर्वदलीय बैठक में भी नहीं मौजूद थे। इसके बाद बीए कमेटी की बैठक हुई, इसमें भी शुभेंदु की गैर मौजूदगी सवाल खड़े कर रही है। इस मुद्दे पर भाजपा के परिषदीय दल के नेता मनोज टिग्गा ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी देरी से विधानसभा में पहुंचे थे। सर्वदलीय बैठक उस समय चालू हो गयी थी जिस कारण वह बैठक में नहीं आ सके। वहीं इस मुद्दे पर पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘विपक्षी नेता के तौर पर शुभेंदु बैठक में मौजूद रहते तो अच्छा होता। इस बैठक में ही विधान परिषद को लेकर आलोचना हुई है।’ इधर, इस बैठक के लिए आईएसएफ के नौशाद सिद्दिकी को आमंत्रित नहीं किये जाने पर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए इस संबंध में स्पीकर को चिट्ठी दी है।