
मांग ही नहीं तो कैसे उतारें ऐप कैब
मधु सिंह,कोलकाता : राज्य सरकार की ओर से लगभग 10 दिन पहले 100 ऐप कैब्स कोलकाता की सड़कों पर उतारने की घोषणा की गयी थी जिसकी संख्या बाद में बढ़ाकर 1000 कर दी गयी। हालांकि 1000 ताे दूर फिलहाल कोलकाता की सड़कों पर 400-500 ऐप कैब्स ही चल रहे हैं। ऐसे में रात हो या दिन, ‘नो कैब्स’ से ये लोग परेशान हैं। वहीं एसोसिएशन का कहना है कि अगर कैब्स की मांग ही नहीं रहेगी तो फिर ऐप कैब्स उतार कर क्या होगा।
ड्राइवरों को नहीं मिल रहा पर्याप्त किराया
लग्जरी टैक्सी एसोसिएशन के महासचिव इंद्रनील बनर्जी ने बताया कि ड्राइवरों को पर्याप्त किराया तक नहीं मिल रहा है तो फिर कैब्स उतारकर क्या होगा। एक दिन में 1500 से 2000 रुपया किराया मिलना चाहिए, लेकिन अभी 400 से 500 रुपये भी नहीं मिल रहे हैं।
सब कुछ है बंद, कैसे मिले ग्राहक
लॉकडाउन के कारण स्कूल, कार्यालय से लेकर सिनेमा हॉल व शॉपिंग मॉल तक बंद है। ऐसे में ग्राहक मिले भी तो कैसे। केवल कुछ ग्राहकों से गुजारा नहीं चल पाने के कारण जो यात्री बाहर निकल भी रहे हैं, उन्हें कैब्स नहीं मिल रहे।
एक तरफ की सवारी
मिल रही तो दूसरी तरफ से खाली
ड्राइवराें को अगर एक तरफ के लिए सवारी मिल रही है तो दूसरी तरफ से खाली ही आना पड़ रहा है। अगर सियालदह से धर्मतल्ला के लिए यात्री मिल रहे हैं तो धर्मतल्ला से फिर कैब ड्राइवर बगैर यात्री के जा रहे हैं। इस कारण कई ड्राइवरों ने राज्य सरकार की घोषणा के बाद ऐप कैब्स तो उतारें, लेकिन यात्री नहीं मिल पाने के कारण अब ड्राइवर कम संख्या में निकल रहे हैं।
इंतजार घंटों का लेकिन कमाई कुछ नहीं
लॉकडाउन के कारण ऐप कैब्स के ड्राइवर सुबह से ग्राहकों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कमाई के नाम पर कुछ नहीं हो रहा है। 4, 6 से 8 घण्टे तक के इंतजार के बावजूद किराया नहीं मिल रहा है। ऐसे में सुबह से दोपहर तक के इंतजार के बाद ड्राइवर ऐप कैब्स को गैरेज कर दे रहे हैं।
अधिकतर ड्राइवर गये अपने घर
इंद्रनील बनर्जी ने बताया कि अधिकतर ड्राइवर बिहार के रहने वाले हैं जो अब अपने घर चले गये हैं। जो ड्राइवर बचे हुए हैं, उनमें भी कम लोग ही गाड़ी निकालना चाह रहे हैं।