कोलकाता : नये तेवर में सक्रिय हुई पश्चिम बंग हिन्दी अकादमी ने अपने लक्ष्य को निर्धारित कर कार्य तेज करने का निर्णय िलया है। इसकी पहली बैठक बुधवार को सम्पन्न हुई। अकादमी के सभापति विवेक गुप्त की अध्यक्षता में की गयी बैठक में तमाम सदस्यों की तरफ से दिए सुझावों के बाद तय किया गया कि भाषा, साहित्य, संस्कृति और कला काे बढ़ावा व विकास अकादमी का मुख्य लक्ष्य होगा। विवेक गुप्त ने बताया कि हिन्दी अकादमी सिर्फ कोलकाता में नहीं बल्कि पूरे राज्य में हिन्दी को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करेगी। बैठक में पश्चिम बंगाल में हिन्दी भाषा, साहित्य व संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न रूपरेखा तैयार की गयी। पश्चिम बंग हिन्दी अकादमी निकट भविष्य में राज्य के विभिन्न स्थानों पर कवि सम्मेलनों, नाटकों के मंचन, कहानी पाठ के आयोजन के साथ कुछ प्रसिद्ध रचनाकारों की कृतियों का हिन्दी अनुवाद कर प्रकाशन की व्यवस्था करेगी। नयी पीढ़ी को हिन्दी के प्रति आकर्षित व उत्साहित करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की जायेगी।
पूरे बंगाल में हिन्दीभाषी छात्रों व बुद्धिजीवियों तक अकादमी पहुंचने की कोशिश
नयी पीढ़ी को हिन्दी के प्रति आकर्षित व उत्साहित करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की जायेगी। इसके साथ ही एक संपूर्ण पुस्तकालय और उसमें अधिक संख्या में सामान्य तथा जन रुचि से जुड़ी पुस्तकों को रखने की पहल किये जाने पर विचार हुआ। सभी सदस्यों के सहयोग से ना केवल कोलकाता बल्कि पूरे बंगाल में हिन्दीभाषी छात्रों व बुद्धिजीवियों तक अकादमी पहुंचने की कोशिश करेगी। इसके अलावा अन्य समसामयिक विषयों पर परिचर्चा के आयोजन अकादमी करवायेगी। अकादमी की पहली बैठक में दिनेश बजाज, उमा झुनझुनवाला, सुरेश कुमार जालान (सुरेन जालान), राधा कृष्ण प्रसाद, रावेल सिंह खानूजा (रावेल पुष्प), डॉ. आशुतोष प्रसाद सिंह, प्रियंकर पालीवाल, नील कमल सिंह, रचना सरन और दीपक गुप्ता (सदस्य सचिव) मुख्य रूप से मौजूद थे।