
कोलकाता : एक दिन पहले लद्दाख में हुए भारत-चीन के जवानों के बीच झड़प में देश के 20 जवान शहीद हो गये थे। इनमें बंगाल के दो जवान सिपाही गणेश कुंजाम सिंहभूम निवासी व सिपाही राजेश ओरांव बीरभूम निवासी थे। बंगाल सरकार इन जवानों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की घोषणाकी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दो शहीद सैनिकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है।
हम धरती पुत्रों के साथ खड़े हैं
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के राजेश ओरांग और अलीपुरद्वार जिले के बिपुल रॉय सोमवार रात हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों में शामिल हैं। बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘गलवान घाटी में शहीद हुए वीर जवानों के परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं। ’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘देश के लिये उनके सर्वोच्च बलिदान या शोकाकुल परिवार को हुए नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती। मुश्किल की इस घड़ी में हम धरती पुत्रों के साथ खड़े हैं। हमने शहीदों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपये और एक सदस्य को पश्चिम बंगाल सरकार में नौकरी देने का फैसला किया है।’
58 साल बाद चीन ने फिर की दगाबाजी
1962 के युद्ध के समय चीन ने जिस तरह धोखा दिया था, वैसी ही दगाबाजी उसने 58 साल बाद फिर कर डाली। पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में सोमवार दोपहर बाद बातचीत करने गए भारतीय सैन्य दल पर चीनी सैनिकों ने अचानक हमला कर दिया। भारतीय सैनिकों ने भी मुंह तोड़ जवाब दिया। कई घंटे चली खूनी झड़प में कर्नल सहित 20 भारतीय शहीद हो गये जबकि चीन के करीब चार दर्जन सैनिक हताहत हो गये।भारतीय सेना ने इस बात की पुष्टि की कि गत रात्रि हुई बिना गोलीबारी वाली इस हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए हैं। दूसरी ओर चीन के कम से कम 43 सैनिक हताहत हुए हैं। बताया जाता है कि बुरी तरह घायल कर्नल संतोष बाबू, हवलदार पलानी और सिपाही कुंदन ओझा ने तत्काल दम तोड़ दिया जबकि घटनास्थल के रात में शून्य से नीचे के तापमान में कड़कड़ती ठंड में बाकी 17 जख्मी जवानों की सुबह होने तक मृत्यु हो गयी। सरकारी एवं सैन्य सूत्रों ने बताया कि दोनों तरफ के सैनिकों के बीच झड़प कई घंटे चली।चीनी सेना को भी भारी नुकसान पहुंचा है। समाचार एजेंसियों ने सूत्रों के हवाले से बताया कि झड़प में चीन के 43 से ज्यादा सैनिक हताहत हुए हैं।