
कोलकाता : दमदम के गोराबाजार इलाका स्थित म्युनिसिपल मार्केट में रविवार की देर रात भयावह आग लग गयी। इस घटना में करीब 150 दुकानें जलकर खाक हो गयी हैं। आग की लपटों ने एक राष्ट्रीयकृत बैंक को भी चपेट में ले लिया जो बाजार से संलग्न एक इमारत के दूसरे तल्ले पर स्थित है। आग की चपेट में आकर 3 लोगों की मौत हुई है जिसमें एक की पुष्टि प्रशासन की ओर से नहीं की गयी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि रात 1 से डेढ़ बजे के बीच आग लगी जिसे सबसे पहले वहां तैनात एक सुरक्षाकर्मी ने दखी। उसने इसकी सूचना दमदम थाना और मार्केट के दूसरे दुकानदारों को दी। खबर पाकर पहले दमकल के 2 इंजन घटनास्थल पर पहुंचे। आग की भयावहता को देखते हुए धीरे-धीरे और भी इंजन मौके पर पहुंचे। दमकल के देर से पहुंचने तथा पानी की कमी स लोग गुस्से थे। पुलिस के मुताबिक, मलबे से 2 लोगों के पूरी तरह से जले शवों को बाहर निकाला गया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, मृतकों की पहचान सुनील साव और विक्की सिंह के रूप में हुई है।
सुनील मार्केट में स्थित एक चाय की दुकान में काम करता था और आंशिक रूप से दिव्यांग था। वह रात को उसी दुकान में सोता था। दमकल विभाग के सूत्रों के अनुसार, आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है। दुकान में मोदीखाना, सब्जी, कपड़े आदि की दुकानों के अलावा इनके गोदाम भी थे। जानकारी के अनुसार, सरस्वती पूजा के कारण व्यवसायियों ने कुछ दिन पहले ही नया माल अपनी – अपनी दुकानों में लाया था, लेकिन अग्निकांड ने व्यवसायियों की कमर तोड़ दी। इस अग्निकांड में स्थानीय लोगों ने दमकल की भूमिका पर कई सवाल खड़े किये हैं। उनका आरोप है कि अगर दमकल की सक्रियता सही होती तो आग इतना भयावह रूप ना लेता। आग में अपनी चावल की दुकान खो चुके दुकानदार अमरनाथ साव ने आरोप लगाया कि आग लगने के डेढ़ घंटे के अंदर दमकल की सिर्फ 2 इंजनें ही घटनास्थल पर पहुंची थीं और इतनी बड़ी आग को बुझाने में दमकल कर्मी जिस तरह से काम कर रहे थे वह नाकाफी था जिसे देखकर दुकानदारों ने ही आग पर पानी डालना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं दूसरे दुकानदारों ने बताया कि आग बुझाने के लिए पानी की भी कमी देखी गयी और इसलिए आग को फैलने का मौका मिला।