
माइक्रो प्लानिंग के तहत नियंत्रण में लाने का होगा प्रयास
कोलकाता : कोलकाता में लॉकडाउन 4 के बाद लॉकडाउन 5 भी शुरू हो गया लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मामले कम होते नहीं दिख रहे हैं। कंटेनमेंट जोन की संख्या भी बढ़ती जा रही है। हालांकि 1 जून से अनलॉक वन शुरू हो गया है, इसके बाद मामलों के बढ़ने की और ज्यादा आशंका व्यक्त की जा रही है। ऐसे में कंटेनमेंट जोन को बढ़ने से रोकना कोलकाता नगर निगम के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगी। हालांकि कोलकाता नगर निगम का दावा है कि बस्ती इलाकों में संक्रमण का प्रभाव तेजी से घट रहा है, लेकिन पौश इलाके अभी भी कोलकाता नगर निगम के लिए चिंता का कारण बने हुए हैं। सोमवार को कोलकाता नगर निगम मुख्यालय में बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर की रिव्यू मीटिंग के बाद प्रशासक फिरहाद हकीम ने बताया कि पॉश इलाकों में कोरोना संक्रमण बढ़ने का मुख्य कारण बाजार हैं। प्राथमिक समीक्षा में पता चला है कि बाजारों से ही किसी ना किसी तरह संक्रमण पॉश इलाकों तक पहुंच रहा है। कोलकाता नगर निगम ने इस पर नियंत्रण पाने के लिए माइक्रो प्लानिंग के तहत काम करने की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि बस्ती इलाकों में बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए केएमसी की माइक्रोप्लानिंग कारगर साबित हुई। पॉश इलाकों में भी इसी के तहत कार्य शुरू किया जाएगा। कोलकाता के बड़ाबाजार, कांकुड़गाछी, बेलियाघाटा, तपसिया जैसी घनी आबादी वाले पॉश इलाकों में विशेष ध्यान दिया। साफ – सफाई के साथ ही सैनिटाइजेशन पर जोर देने की योजना बनाई गई है।