
चेन्नई : बतौर नेट गेंदबाज ऑस्ट्रेलिया गये तेज गेंदबाज थांगरासू नटराजन ने इस दौरे पर सभी तीनों प्रारूपों में पदार्पण करके इतिहास बना दिया और रविवार को उन्होंने कहा कि उन्हें एक प्रारूप में भी मौका मिलने की उम्मीद नहीं थी जिससे भारत के लिये पहला मैच खेलते समय वह दबाव में थे।जब नटराजन को ब्रिसबेन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे और अंतिम टेस्ट के लिये चुना गया तो वह एक ही दौरे पर सभी (तीनों) प्रारूपों में टीम के लिये पदार्पण करने वाले भारत के एकमात्र खिलाड़ी बन गये। नटराजन कहा कि मैं अपना काम करने के लिये प्रतिबद्ध था। लेकिन मुझे वनडे में मौका मिलने की उम्मीद नहीं थी। मैं ऑस्ट्रेलिया में पदार्पण की उम्मीद नहीं कर रहा था। जब मुझे बताया गया कि मैं इसमें खेलूंगा तो मैं दबाव में था। मैं मौके का फायदा उठाना चाहता था। खेलना और एक विकेट लेना सपने की तरह था। भारत के लिये खेलने के बाद मैं अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। यह सपने की तरह था। मुझे कोचों और खिलाड़ियों से भी काफी सहयोग मिला। उन्होंने मेरा समर्थन किया और मुझे काफी प्रोत्साहित किया। मैं उनके समर्थन की वजह से अच्छा करने में सफल रहा। नटराजन ने सीरीज के निर्णायक टेस्ट में तीन विकेट चटकाये और भारत की शानदार जीत का हिस्सा बने।