मीराबाई चानूः जानें कॉमनवेल्थ में देश को पहला गोल्ड दिलाने वाली गोल्डन गर्ल की कहानी

नई दिल्लीः टोक्यो ओलंपिक की रजत पदक विजेता भारतीय महिला वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने अपना बेस्ट प्रदर्शन करते हुए बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स के दूसरे दिन शनिवार को गोल्ड मेडल जीत लिया। चानू ने महिलाओं की 49 kg वर्ग में गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। चानू ने क्लीन एंड जर्क के अपने पहले ही प्रयास में 109 किलो ग्राम का भार उठाया और गोल्ड मेडल जीत लिया। बता दें कि खेल में मीराबाई चानू से उम्मीद लगाई जा रही थी कि वो देश को गोल्ड दिलाएगी। अपनी इस उम्मीद पर मीराबाई चानू पूरी तरह खरी उतरी है।
बता दें कि 27 साल की मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को मणिपुर के नौगपेक काकचिंग गांव में हुआ था। शुरुआत में मीराबाई का सपना तीरंदाज बनने का था, लेकिन किसी कारणवश से उन्हें वेटलिफ्टिंग को अपना करियर चुनना पड़ा। मीराबाई की मेहनत आखिरकार रंग लाई जब उन्होंने साल 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में 48 किलो भारवर्ग में उन्होंने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता। इसके अलाव मीराबाई ने वर्ष 2008 में अपने गृहनगर इम्फाल में भारोत्तोलन की शुरुआत की थी। बाद में उन्हें वर्ष 2011 में बेंगलुरू में आयोजित नेशनल कैम्प में शामिल किया गया। फिर वह 2012 से नेशनल कैम्प पटियाला में है। लगातार अच्छे प्रदर्शन की बदौलत मीराबाई 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने में कामयाब रही। हालांकि, रियो में उनका प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा था।

एशियन चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता
मीराबाई ने इसके बाद एशियन चैम्पियनशिप में 49 किलो भारवर्ग में कांस्य जीतकर टोक्यो का टिकट हासिल किया था। इसके साथ ही मीराबाई 2021 ओलंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाली इकलौती भारतीय वेटलिफ्टर बन गई थी। उस चैम्पियनशिप में मीराबाई ने ने स्नैच में 86 किग्रा का भार उठाने के बाद क्लीन एवं जर्क में विश्व रिकॉर्ड कायम करते हुए 119 किलोग्राम का भार उठाया था।
मीराबाई ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय वेटलिफ्टर बन गई
मालूम हो कि मीराबाई चनू के करियर का सबसे ऐतिहासिक लम्हा तब सामने आया, जब उन्होंने 49 किलो भारवर्ग में  भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता। इसके साथ ही मीराबाई ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय वेटलिफ्टर बन गई थी। उस ओलंपिक में स्नैच के बाद मीराबाई चनू दूसरे नंबर पर थीं। इसके बाद क्लीन एंड जर्क के पहले प्रयास में मीराबाई चानू 110 और दूसरे प्रयास में 115 किलो वजन उठाने में कामयाब रही थीं जो सिल्वर जीतने के लिए काफी था।

 

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