क्विंटन डी कॉक के 29 की उम्र में संन्यास लेने से क्रिकेट जगत हैरान

नई दिल्लीः साउथ अफ्रीकन विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक के एकाएक टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के फैसले से क्रिकेट जगत हैरान है। कई खिलाड़ियों ने डी कॉक के इस फैसले पर हैरानी जताई है। साउथ अफ्रीका के पूर्व ओपनर अलवीरो पीटरसन ने डी कॉक के फैसले पर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है, “भविष्य में और भी खिलाड़ी ये कदम उठा सकते हैं। हम डी कॉक के फैसले से बहुत ज्यादा हैरान हैं।” साउथ अफ्रीका की ओर से 36 टेस्ट मैच खेलने वाले पीटरसन ने कहा, “मैं डी कॉक के फैसले से हैरान हूं लेकिन आप यह भी समझ सकते हैं कि टी20 लीग और द हंड्रेड कांट्रेक्ट ने अब खिलाड़ियों की मानसिकता बदल दी है। खिलाड़ियों के बॉयो बबल्स में रहने के कारण वे अपने परिवार और दोस्तों से दूर रहते हैं। हालांकि मुझे लगता है कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए डी कॉक ने यह फैसला लिया होगा।” साउथ अफ्रीका टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज डी कॉक ने गुरुवार को भारत के खिलाफ सेंचुरियन टेस्ट में 113 रनों से हार के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के अपने फैसले से सबको हैरान कर दिया था। 29 वर्षीय डी कॉक ने 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। उन्होंने 54 मैचों में 3,300 रन बनाए हैं, जिसमें उन्होंने नाबाद रहते हुए एक पारी में सर्वाधिक 141 रन बनाए हैं। जिसमें उनके नाम 6 शतक और 22 अर्धशतक शामिल हैं।

संन्यास लेते समय डी कॉक ने क्या कहा था…

क्विंटन डी कॉक ने संन्यास लेते समय बयान जारी कर कहा था, “यह ऐसा फैसला नहीं है जिस पर मैं आसानी से आ गया हूं। मैंने यह सोचने में बहुत समय लिया है कि मेरा भविष्य कैसा होगा। अब मेरे जीवन में क्या प्राथमिकता होनी चाहिए। अब साशा और मैं इस दुनिया में अपने पहले बच्चे का स्वागत करने वाले हैं। हम अपने परिवार को आगे बढ़ाना चाहते हैं। मेरा परिवार मेरे लिए सब कुछ है और मैं अपने जीवन के इस नए और रोमांचक अध्याय के दौरान उनके साथ रहने के लिए समय चाहता हूं।”

 

शेयर करें

मुख्य समाचार

Radha Ashtami 2023: राधा अष्टमी पर अगर पहली बार रखने जा …

कोलकाता : हिंदू धर्म में भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी की तिथि को बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है क्योंकि इस दिन भगवान आगे पढ़ें »

World Heart Day 2023: क्यों 29 सितंबर को मनाया जाता है ‘वर्ल्ड हार्ट डे’, इस बार है ये थीम

कोलकाता : 'कहते हैं न दिल खुश तो सब खुश'... यह सिर्फ बोलने वाली बात नहीं है बल्कि सोचने और समझने वाली बात है। इसी आगे पढ़ें »

ऊपर