पुजारा की धीमी बल्लेबाजी पड़ी भारत पर भारी, ऑस्ट्रेलिया को 197 रनों की बढ़त
सिडनी : टेस्ट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा की धीमी बल्लेबाजी और फॉर्म में चल रहे खिलाड़ियों की चोट भारतीय टीम पर भारी पड़ी और ऑस्ट्रेलिया ने कुल 197 रन की बढ़त लेकर तीसरे क्रिकेट टेस्ट में तीसरे दिन शनिवार को शिकंजा कस दिया। पैट्रिक कमिंस की शानदार गेंदबाजी के दम पर भारत को पहली पारी में 244 रन पर आउट करने के बाद मार्नस लाबुशेन और स्टीव स्मिथ की अटूट अर्धशतकीय साझेदारी के दम पर ऑस्ट्रेलिया काफी मजबूत स्थिति में पहुंच गया है। चेतेश्वर पुजारा समेत सीनियर बल्लेबाजों के बेहद रक्षात्मक रवैये ने भारत को दबाव में ला दिया। पुजारा ने 176 गेंद में 50 रन बनाये और धीमी पारी के इस दबाव से भारत निकल ही नहीं सका। तीसरे दिन का खेल समाप्त होने पर ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में दो विकेट पर 103 रन बना लिये थे। पहली पारी के शतकवीर स्मिथ 29 और लाबुशेन 47 रन बनाकर खेल रहे हैं। एक समय ऑस्ट्रेलिया ने सुबह दूसरी पारी में दो विकेट 35 रन पर ही गंवा दिये थे और भारत की वापसी की उम्मीद दिख रही थी लेकिन स्मिथ और लाबुशेन ने 68 रन की अटूट साझेदारी करके उस पर पानी फेर दिया।
इससे बेहतर नहीं कर सकता था : पुजारा
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यहां तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन जरूरत से ज्यादा रक्षात्मक खेल के कारण आलोचना का सामना कर भारत के सीनियर बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि मैं जो कर रहा था उससे बेहतर नहीं कर सकता था। मैं अच्छी बल्लेबाजी कर रहा था और एक बेहतर गेंद पर आउट हुआ। मुझे बस इस बात को स्वीकार करना है। मुझे लगता है कि मुझे सिर्फ बल्लेबाजी करनी है, मुझे पता है। कमिंस ऐसी गेंद फेंकते है, जिसका सामना करना मुश्किल होता है। मुझे लगता है कि वह सीरीज की सर्वश्रेष्ठ गेंद थी। मुझे नहीं लगता कि मैं उस गेंद पर कुछ कर सकता था। अतिरिक्त उछाल के कारण मुझे उस गेंद को खेलना पड़ा। जब आपका दिन अच्छा नहीं होता है तो गलती पर बचने की गुंजाइश काफी कम होती है। बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई टीम की शानदार गेंदबाजी के कारण उन्हें अपने टेस्ट करियर का सबसे धीमा अर्धशतक बनाने पर मजबूर होना पड़ा। उन्होंने 176 गेंद में 50 रन बनाये और उनकी धीमी बल्लेबाजी से ऑस्ट्रेलिया को मैच पर पकड़ बनाने में मदद मिली।
टेस्ट सीरीज से बाहर हुए जडेजा
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा टेस्ट श्रृंखला में खिलाड़ियों की चोटों से पहले से परेशान भारतीय टीम को तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को और झटका लगा जब लय में चल रहे हरफनमौला रविंद्र जडेजा बायें हाथ के अंगूठे में फ्रैक्चर के कारण ब्रिसबेन में 15 जनवरी से खेले जाने वाले श्रृंखला के आखिरी टेस्ट से लगभग बाहर हो गये। भारत के लिए हालांकि राहत की बात यह है कि विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की कोहनी की चोट ज्यादा गंभीर नहीं है और वह शायद मैच की दूसरी पारी में बल्लेबाजी करेंगे। जडेजा को जहां बल्लेबाजी करते हुए मिशेल स्टार्क की बाउंसर सीधा अंगूठे पर जा लगी वही पंत को भी पैट कमिंस की गेंद सीधा उनके बाएं हाथ की कोहनी पर जा लगी, जिसके बाद वह काफी दर्द में भी दिखे। उन्होंने हालांकि स्प्रे और पट्टी लगाने के बाद पूरी बल्लेबाजी की लेकिन गेंद लगने के कारण उनकी एकाग्रता भंग हो गई और वह उसके बाद जल्द ही आउट हो गये। गेंद लगने के कारण दोनों खिलाड़ी तीसरे दिन ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के दौरान मैदान पर नहीं आ सके।
बुमराह और सिराज पर नस्लीय टिप्पणी
बीसीसीआई ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन के दौरान टीम के खिलाड़ी जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ नशे में धुत दर्शक द्वारा कथित रूप से नस्लीय दुर्व्यवहार के बाद आईसीसी मैच रैफरी के समक्ष औपचारिक शिकायत दर्ज की है। बीसीसीआई सूत्रों के अनुसार सिराज को सिडनी क्रिकेट मैदान के एक स्टैंड में उपस्थित नशे में धुत एक दर्शक ने ‘मंकी’ (बंदर) कहा, जिससे 2007-08 में भारतीय टीम के आस्ट्रेलिया दौरे के ‘मंकीगेट’ प्रकरण की याद ताजा हो गयी। दिलचस्प बात है कि मंकीगेट प्रकरण भी सिडनी टेस्ट के दौरान ही हुआ था जब एंड्रयू साइमंड्स ने दावा किया था कि हरभजन सिंह ने उन्हें कई बार बंदर कहा था। लेकिन भारतीय ऑफ स्पिनर को इस मामले की सुनवाई के बाद पाक साफ कर दिया गया था।