कोलंबोः पाकिस्तान के दौरे पर श्रीलंकाई खिलाड़ियों के जाने से इनकार के बाद पाकिस्तान ने इसका जिम्मेदार भारत को ठहराया, हालांकि अब श्रीलंका ने भारत का समर्थन करते हुए इसका ठीकरा खुद पाकिस्तान पर फोड़ा है।
श्रीलंका ने मंगलवार को कहा कि उसके किसी खिलाड़ी पर भारत ने पाकिस्तान दौरे से बाहर होने के लिए कोई दबाव नहीं डाला है। श्रीलंका के खेल मंत्री हरिन फर्नांडो ने पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश करते हुए कहा कि दबाव जैसी कोई बात नहीं है और जिन खिलाड़ियों ने पाकिस्तान दौरे से नाम वापस लिया है उन्होंने 2009 में हुई घटना के आधार पर फैसला लिया है।
पाक के मंत्री ने भारत पर लगाया था आरोप
सोमवार को श्रीलंका के 10 खिलाड़ियों ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पाकिस्तान दौरे से अपना नाम वापस ले लिया था। श्रीलंका की टीम 27 सितंबर से 19 अक्टूबर तक पाकिस्तान के दौरे पर जाने वाली थी। श्रीलंकाई टीम के टॉप खिलाड़ियों द्वारा सीरीज से नाम वापस लिए जाने पर बेसिर-पैर के बयान देने के लिए चर्चा में रहने वाले पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीकी मंत्री फवाद हुसैन ने कहा था कि उन्हें सूचना मिली है कि भारत ने खिलाड़ियों को धमकी दी है कि अगर वे पाकिस्तान जाने से इनकार नहीं करते हैं तो उन्हें आईपीएल से बाहर कर दिया जाएगा।
इन खिलाड़ियों ने मना किया
जिन खिलड़ियों ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान जाने से इनकार कर दिया है, उनमें वनडे टीम के कप्तान दिमुथ करुणारत्ने, टी-20 कप्तान लसिथ मलिंगा, पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज, निरोशन डिकवेला, कुसल परेरा, धनंजय डी सिल्वा, अकिला धनंजय, सुरंगा लकमल, दिनेश चंडीमल और दिमुथ करुणारत्ने शामिल हैं। माना जाता है कि ये खिलाड़ी श्रीलंका टीम की रीढ़ हैं।
फर्नांडो ने ट्वीट कर दिया जवाब
फवाद हुसैन के इन आरोपों के बाद श्रीलंका के खेल मंत्री हरिन फर्नांडो ने ट्वीट किया, “इन रिपोर्ट्स में कोई सच्चाई नहीं है कि भारत ने श्रीलंका के खिलाड़ियों पर पाकिस्तान में न खेलने का दवाब बनाया है, कुछ लोगों ने इस दौरे पर न जाने का फैसला 2009 की घटना के आधार पर लिया है। इन खिलाड़ियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए हमने टीम में उन्हीं को शामिल किया जो पाकिस्तान जाना चाहते थे, हमारी टीम पूरी है हम उम्मीद करते हैं कि हम पाकिस्तान को पाकिस्तान में हराएंगे।”