
नई दिल्लीः फुटबॉल के दिग्गज खिलाड़ी डिएगो माराडोना की मौत अब एक नया मोड़ ले चुकी है। माराडोना की बेटियों ने दिग्गज फुटबॉलर के इलाज को लेकर सवाल खड़े किए हैं जिसके बाद नया विवाद शुरू हो गया है। माराडोना के परिवार और वकीलों का मानना है कि इलाज कर रहे डॉक्टर की लापरवाही के कारण इस स्टार खिलाड़ी की जान गई। माराडोना की बेटियों डाल्मा, गिननिना और जाना के दिए गए सबूतों के बाद प्राथमिक जांच के आदेश दिए गए थे। इसी के तहत पुलिस ने रविवार को माराडोना के डॉक्टर लियोपोल्डो लूक्यू के घर पर छापेमारी की। गौरतलब है कि, अर्जेंटीना को विश्व विजेता बना चुके माराडोना का 60 साल की उम्र में 25 नवंबर को निधन हो गया था। उन्हें अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आइरस में अपने घर पर रही दिल का दौरा पड़ा जिसके बाद उनकी मौत हो गई।
‘पिता के इलाज में की गई लापरवाही’
माराडोना की बेटियों का कहना है कि उनके पिता की इलाज में लापरवाही की गई और इसकी जांच होनी चाहिए। अर्जेंटीना की एक एजेंसी के मुताबिक, जांचकर्ता यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि माराडोना को निधन से 24 घंटे पहले मेडिकल स्टाफ की तरफ से सही देखभाल मिली थी या नहीं। जांच की आदेश मिलने के बाद करीब 30 पुलिसकर्मियों ने रविवार की सुबह डॉ लुके के घर में छापेमारी की। इसके अलावा ब्यूनस आइरस में उनके क्लिनिक में छापेमारी की गई।
नवंबर में हुई थी माराडोना के दिमाग की सर्जरी
नवंबर महीने की शुरुआत में ही महान फुटबॉलर माराडोना को दिमाग के सफल ऑपरेशन के आठ दिन बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। इसके अलावा शराब की लत छुड़ाने के लिए भी उनका इलाज चल रहा था। माराडोना के वकील मटियास मोरला ने इस मामले में विस्तृत जांच की मांग की है। मोरला ने यह भी कहा कि माराडोना को गंभीर हालत में उनके घर से अस्पताल तक पहुंचाने में भी देरी की गई।