
विश्व चैंपियनशिप पर ध्यान दोः योगेश्वर
नई दिल्लीः राष्ट्रमंडल एवं एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता बजरंग पुनिया खेल रत्न के लिए नामित नहीं किए जाने पर काफी नाराज हैं। उन्होंने अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया था। हालांकि अब अपने मेंटर योगेश्वर दत्त की सलाह मिलने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि वह खेल मंत्रालय के फैसले के खिलाफ नहीं जाएंगे। योगेश्वर ने बजरंग को सलाह दी है कि इस मामले में पड़ने के बजाय वह अगले महीने होने वाली विश्व चैंपियनशिप की तैयारी पर अपना ध्यान लगाएं।
देश के सबसे बड़े खेल सम्मान के लिए अपनी अनदेखी के बाद बजरंग ने हाल ही में खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर से मुलाकात की थी, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह उनके मामले पर विचार करेंगे। बजरंग ने कहा था कि अगर उन्हें शुक्रवार शाम तक अनुकूल जवाब नहीं मिलता है तो उन्हें न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। लेकिन, खेल मंत्रालय के उनके दबाव के आगे झुकने की संभावना नहीं है। ऐसे में योगेश्वर ने बजरंग को आगे बढ़ने की सलाह दी और विश्व चैंपियनशिप की तैयारियों पर अपना ध्यान लगाने को कहा।
‘अन्याय हुआ है’
योगेश्वर ने कहा कि यह बजरंग के साथ अन्याय है। वह इस साल खेल रत्न का हकदार है। ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर खेल मंत्री के साथ हुई बजरंग की मुलाकात के दौरान मौजूद थे।
बदलाव की संभावना कम
खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि अंतिम समय में इस सूची में नाम शामिल करने की संभावना नहीं है। सूत्र ने कहा ‘मंत्री ने बजरंग से मुलाकात की और वह उनकी शिकायत सुनना चाहते थे। उन्होंने बजरंग को बताया कि उनके नाम पर विचार क्यों नहीं किया गया। हालांकि, उन्होंने बजरंग से वादा किया कि है वह इस मामले को देखेंगे, लेकिन पुरस्कार सूची में किसी बदलाव की संभावना कम है।’
एशियन गेम्स के दौरान तारीखों के टकराव की वजह से इस बार राष्ट्रीय खेल पुरस्कार मेजर ध्यान चंद के जन्मदिवस 29 अगस्त की जगह 25 सितंबर को दिए जाएंगे।