एलिफेंट कॉरिडोर पर लग रहे है सोलर सीसीटीवी कैमरे

सीसीटीवी कैमरे
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अलीपुरदुआर : इन दिनों उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों में जंगली हाथियों के उत्पात व तांडव की घटना बढ़ गई है। अलीपुरदुआर जिले के मदारीहाट क्षेत्र में भी लगातार हो रही हाथियों के हमले की घटनाओं से आतंकित लोगों की नींदे उड़ गई है। बीते एक सप्ताह में चार लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग घायल हुए हैं। लगभग हर अलीपुरदुआर जिले के दिन चाय बागानों और वनवर्ती क्षेत्रों से हाथियों के प्रवेश की खबरें सामने आ रही हैं। ऐसे में अब जलदापाड़ा वन विभाग ने एक बड़ा और तकनीकी कदम उठाया है ताकि मानव-हाथी संघर्ष को कम किया जा सके और लोगों की जान-माल की रक्षा हो सके। जलदापाड़ा वन विभाग ने हाथियों के आवागमन वाले तीस प्रमुख इलाकों में सोलर पावर्ड सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू कर दिया है। ये कैमरे उन स्थानों पर लगाए जा रहे हैं, जहां से हाथियों का जंगल से निकलकर बस्तियों व गांवों में आने का रास्ता है। इन कैमरों के ज़रिए अब वनकर्मी रियल-टाइम में हाथियों की गतिविधि पर नज़र रख सकेंगे। इससे यह पता लगाया जा सकेगा कि हाथियों का झुंड किस दिशा में बढ़ रहा है, और नज़दी की गांवों को तुरंत चेतावनी दी जा सकेगी और वक्त रहते मौके पर हाथियों को वापस जंगल की ओर खदेड़ा जाएगा।

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कैमरों के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण जगहों पर सायरन सिस्टम भी लगाया जा रहा है। जब किसी इलाके में हाथियों की मौजूदगी का संकेत मिलेगा, तो तुरंत सायरन बजाकर लोगों को सतर्क किया जाएगा ताकि वे सुरक्षित स्थानों पर पहुँच सकें और किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। इसके साथ ही मादारीहाट में असिस्टेंट वाइल्डलाइफ वॉर्डन कार्यालय में एक अत्याधुनिक कंट्रोल रूम तैयार किया जा रहा है। यहां 24 घंटे प्रशिक्षित वनकर्मी सीसीटीवी कैमरों की लाइव फीड पर निगरानी रखेंगे। इस कंट्रोल रूम का फ़ोन नंबर जल्द ही आम जनता के साथ साझा किया जाएगा। विशेष बात यह है कि इस नंबर को पुलिस के आपातकालीन नंबर (100) से जोड़ा जाएगा। अगर कोई व्यक्ति 100 नंबर पर कॉल करता है, तो वह कॉल सीधे वन विभाग के कंट्रोल रूम में ट्रांसफर हो जाएगी। इसके बाद कंट्रोल रूम से नज़दीकी पेट्रोलिंग टीम को तुरंत सूचना दी जाएगी ताकि तुरंत कार्रवाई की जा सके। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, यह कंट्रोल रूम एक सप्ताह के भीतर पूरी तरह चालू हो जाएगा। इसके शुरू होने से मानव-हाथी संघर्ष में होने वाली जान-माल की क्षति में काफी कमी आने की उम्मीद है। जलदापाड़ा के डीएफओ परवीन का सामान्य जानकारी दी है कि वर्तमान में जलदापाड़ा वन विभाग के तहत 29 विशेष टीमें हर रात मानव-हाथी संघर्ष कम करने के लिए तैनात रहती हैं, जिनमें से 9 टीमें मादारीहाट और उसके आसपास काम कर रही हैं।

विभाग ने शुक्रवार से इस क्षेत्र में 3 नई टीमें भी जोड़ दी हैं, जो रात के समय अतिरिक्त गश्त करेंगी और ज़रूरत पड़ने पर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने में मदद करेंगी। वन विभाग के अधिकारी ने कहा, “मानव-हाथी संघर्ष को रोकने के लिए तकनीक का इस्तेमाल ही सबसे प्रभावी उपाय है। हम लगातार स्थानीय लोगों को जागरूक कर रहे हैं। माइकिंग, गाँवों में बैठकों और आमने-सामने बातचीत के ज़रिए यह संदेश दिया जा रहा है कि कैसे सतर्कता बरतकर जान-माल की रक्षा की जा सकती है।” यह परियोजना जलदापाड़ा वन विभाग के चल रहे ‘संघर्ष न्यूनीकरण और जनजागरूकता अभियान’ का हिस्सा है। विभाग का विश्वास है कि आधुनिक तकनीक, वनकर्मियों की तत्परता और स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी से मानव और वन्यजीवों के बीच सामंजस्य कायम होगा और अलीपुरदुआर जिले में शांति से सह-अस्तित्व का एक नया अध्याय शुरू होगा।

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