
नई दिल्ली : वर्कआउट करना सेहत के लिए बहुत अच्छाम माना जाता है। रोजाना वर्कआउट करने से ना केवल वेट कंट्रोल में रहता है, बल्कि हम स्वस्थ भी रहते हैं। इसके अलावा, वर्कआउट हार्ट को भी हेल्दी रखता है। वर्कआउट से कैंसर के खतरे को भी कम किया जा सकता है।
एक नए अध्ययन से यह बात पता चला है कि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी, जिसका नाम सुनकर ही हमारे रोगटें खड़े हो जाते है। यूं तो यह किसी को भी हो सकता है। इसकी कोई उम्र नहीं होती। कैंसर दुनियाभर के लोगों के लिए चुनौती है और इसके मरीजों की संख्या हर साल बढ़ रही है। लेकिन लेकिन एक्स रसाइज को अपने रुटीन में शामिल करके आप इस बीमारी के होने की संभावना को कम कर सकती हैं।
क्या कहता है शोध
रिसर्च के मुताबिक जो लोग फिटनेस कम करते है, उनकी तुलना में फिटनेस ज्याीदा करने वाले लोगों में फेफड़े व कोलोरेक्टल कैंसर या कोलन कैंसर या बड़ी आंत कैंसर के होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। इस शोध के लिए शोधकर्ताओं ने 49,143 वयस्कों पर साल 1991 से 2009 तक एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्टिंग किया।
शोध का नतीजा
शोध के मुताबिक उच्चतम फिटनेस की श्रेणी में आने वाले लोगों में फेफड़े के कैंसर के विकास की संभावना 77 प्रतिशत और कोलन कैंसर के विकास की संभावना 61 प्रतिशत कम हो गई। कैंसर नामक जर्नल में इस शोध को प्रकाशित किया गया है। फेफड़े के कैंसर से ग्रस्त व्यक्तियों में जिनमें फिटनेस की मात्रा उच्चतम थी, जांच के दौरान उनके मरने की संभावना में 44 प्रतिशत की कमी आई और कोलन कैंसर से पीड़ित व्यक्तियों में अधिक फिटनेस की श्रेणी में आने वाले लोगों में 89 प्रतिशत की कमी आई।
अमेरिका में जॉन होपकिन्स यूनिवर्सिटी के सहायक प्राध्यापक कैथरीन हैंडी मार्शल ने कहा कि कैंसर के परिणामों पर फिटनेस के प्रभाव को देखने के लिए हमारा यह शोध सबसे बड़े और विविध समूहों की इकाई में से एक है।
औरतों में लंग कैंसर का संकेत हो सकते हैं ये लक्षण
मार्शल ने कहा कि आजकल डॉक्टरों के पास जाकर लोग फिटनेस टेस्टिंग करवाते हैं। पहले से ही कई लोगों के पास इसके परिणाम हो सकते हैं और उन्हें यह सूचित किया जा चुका है कि फिटनेस का कैंसर की संभावनाओं पर क्या प्रभाव है और इसके साथ ही फिटनेस का लेवल अन्य चीजों जैसे कि दिल की बीमारियों के लिए क्या मायने रखती है।