उम्र से पहले महिलाएं सफ़ेद बालों की समस्या से जूझ रही हैं, अपनाएं ये प्राकृतिक उपाय

नई दिल्ली : बढ़ते उम्र के साथ बालों का सफ़ेद होना या झड़ना एक आम समस्या है, लेकिन आजकल कम उम्र में भी बाल झड़ रहे हैं और सफ़ेद हो रहे हैं। ये दोनों ही समस्या धूल मिट्टी पॉल्यूशन और बॉडी को सही मात्रा में पोषक आहार और एंटी ऑक्सीडेंट्स के न मिल पाने के कारण भी होते हैं। इसके लिए कई नेचुरल रेमेडीज भी हैं, जिससे आप बालों की इन समस्याओं से बच सकते हैं।

क्या है कारण
हेयर ग्रोथ तब होता है जब नए सेल्स बनते हैं और पुराने सेल्स को हेयर फॉलिकल्स बाहर निकाल देते हैं।  यह तीन स्टेज में होता है-  ग्रोथ (ऐनाजेन), शेसासन (केटाजन) एंड रेस्ट (टेलोजन)। रेस्ट पीरियड के दौरान पुराने बाल के जगह नए बाल उगते हैं और यह प्रक्रिया जीवन भर चलती है। वक़्त के साथ पिगमेंटेशन के कारण बाल ग्रे और फिर ह्वाइट होने लगती हैं। वहीं पोषक तत्व न मिल पाने के कारण बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और बाल झड़ने लगते हैं।

इन कारणों से बाल ह्वाइट होने लगते हैं –
– जेनेटिक कारणों से कुछ लोगों में काफी कम उम्र में भी बाल सफ़ेद होने लगते हैं।
– हार्मोन्स के कारण भी बालों में पिगमेंटेशन होने लगते है और समय से पहले बाल ग्रे और सफेद होने लगते हैं।
– विटामिन बी 12 डिफिसिएंसी या थायरॉइड और पिट्यूटरी ग्लैंड सम्बन्धी प्रॉब्लम्स के कारण भी बालों में पिगमेंटेशन होने लगता है।
– क्लाइमेट, पॉल्यूशन, एंड कुछ खास तरह के केमिकल्स के एक्सपोजर में रहने के कारण भी बालों की सफेदी का कारण हो सकता है।
-इसके अलावा हेयर फॉलिकल्स हाइड्रोजन परॉक्साइड का छोटा सा अमाउंट हमेशा रिलीज करते रहते हैं।  यह भी बालों के ग्रे और ह्वाइट होने का कारण होते हैं।  इस एक्युमुलेशन को अगर रिमूव कर दिया जाये तो बाल नेचुरल बने रह सकते हैं।

हेयर ह्वाइटनिंग से बचने के टिप्स
-अपने खाने में विटामिन बी 12 की मात्रा बढ़ाएं
-विटामिन बी 12 डिफिसिएंसी के कारन बाल सफ़ेद होने लगते हैं, लेकिन यह रिवर्सिबल कंडीशन है। विटामिन बी की कमी अनीमिया का करें बनता है, जिसके कारण आपके बाल पिग्मेंट खोने लगते हैं। इसके लिए जरूरी है कि आप विटामिन बी 12, बी 3, बी 5, B9 की सफिसिएंट मात्रा लें। यह कई फ़ूड सप्लीमेंट में मिलता है। शी- फ़ूड, एग, मीट, पोर्क, बीफ, लैम्ब विटामिन बी 12 के स्रोत हैं।  वहीँ डेयरी प्रोडक्ट चीज और मिल्क भी इसके स्त्रोत हैं।
– विटामिन ई, प्रोटीन, जिंक, आयरन  और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स भी बालों की पोषण के लिए जरुरी होते हैं।

थायरॉइड लेबल चेक कराते रहें
थायरॉयड ग्लैंड शरीर के सभी महत्वपूर्ण कार्यों पर असर डालता है। अंडरएक्टिव थायराइड, या हाइपोथायरायडिज्म बालों की सफेदी कारण बनते हैं।  हाइपोथायरायडिज्म सीरियस क्रोनिक कंडीशन है,इसमें हार्मोन सप्लमेंटशन की जरुरत होती है। जरूरी है की आप जागरूक रहें और समय समय पर थायराइड लेबल चेक करते रहें।

 स्मोकिंग न करें
यंगस्टर्स में आज कल सिगरेट और कई तरह के नशे  का चलन बढ़ा है।  स्मोकिंग से बॉडी पर एडवर्स इफेक्ट पड़ते हैं, जिससे बाल सफ़ेद होने लगते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक स्मोकिंग के कारण हेयर अपने नेचुरल कलर्स खोने लगते हैं।

 एंटी ऑक्सिडेंट्स लें
आपका डायट आपके बालों में होने वाले सफेदी को रोक सकता है।जरूरी है कि आप पर्याप्त एंटीऑक्सीडेंट युक्त फ़ूड लें। हमारे बॉडी में ऑक्सीडेशन होता है जो की एक नेचुरल प्रोसेस है।  यह फ्री रेडिकल्स प्रोड्यूस करता है लेकिन बढ़ते उम्र के साथ यह प्रोसेस स्लो होने लगता है। यह इम्बैलेंस भी हेयर लॉस और पिगमेंटेशन का कारण बनता है।  ऐसे में जरुरी है की एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाना बेरीज, ग्रेप्स, हरी पत्तों वाली साग सब्जियां दूध, बादाम, पालक, ब्रोकोली, संतरे, साबुत अनाज, पालक,मछली, सोया सेम, अंडे की जर्दी, और ग्रीन टी भी अपने डाइट में शामिल करें।

हिना
कई बार जेनेटिक कारणों से सफ़ेद हुए बाल को सिर्फ कलर करना ही एक मात्र विकल्प होता है।  मेहंदी बालों को कलर करने का प्राकृतिक स्त्रोत है। बिना किसी साइड इफेक्ट के यह बालों को कलर कर सकते हैं।  ब्राउन करना हो तो आप इसमें कॉफी भी मिला सकते हैं।

कैसे करें इश्तेमाल –
5 बड़े चम्मच हिना पाउडर
1 चम्मच इंस्टैंट कॉफी
1 कप पानी

– पानी की उबाल ले और उसमें कॉफी मिला लें।
– हिना पाउडर को इसमें मिला लें।
– इस पेस्ट को बालों में लगाएं और 3-4 घंटे तक लगाकर रखें।
– अब इसे वॉर्म वाटर और माइल्ड शैंपू से वॉश करें।

करी पत्ते
करी पत्ता बालों की सफेदी को दूर करने में काफी कारगर है।
कैसे यूज करें –
1 कप  कोकोनट ऑयल
3 बड़े चम्मच करी पत्ते

– एक डबल बायलर में कोकोनट ऑयलगर्म करें।
– गर्म कोकोनट ऑयल में करी पत्ता डालें।  कम आंच पर इसे 10 मिनट तक गर्म करें।
– अब तेल को ठंडा कर लें।
– अब इस तेल को मसाज कर सकते हैं।

करी पत्ता मेलेनिन प्रोड्यूस करने के लिए हेयर फॉलिकल्स को स्टिम्युलेट करता है। साथ ही यह बालों का नैचरल कलर भी बरक़रार रखता है।  सफेद बालों की रोकथाम में अधिक मेलेनिन उत्पादन का परिणाम है।

 

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