कोलकाता: भारतीय घरों में पाया जाने वाला तुलसी का पौधा केवल पवित्र पौधा ही नहीं है बल्कि रोगनाशिनी शक्ति से परिपूर्ण एक औषधीय पौधा भी है। इसका इस्तेमाल करके अनेक रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। इसकी जड़, पत्ता, फूल आदि ही नहीं, जड़ों से चिपकी मिट्टी में भी रोगनाशिनी शक्ति होती है। नीचे तुलसी के कुछ उपयोग दिए जा रहे हैं जिनका उपयोग करके नित्य सताने वाले अनेक रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है।
तुलसी के औषधीय उपयोग:-
- – कील-मुंहासे युवक-युवतियों की एक आम समस्या है। यदि आप इस समस्या से ग्रसित हैं तो तुलसी के पत्तों के अर्क में नींबू का रस मिला कर चेहरे पर लगाएं। कील मुंहासे दूर हो जाएंगे।
- – तुलसी की जड़ का चूर्ण तथा सोंठ का चूर्ण गर्म पानी से लेने से कुष्ठ रोग ठीक होता है। तुलसी के पत्ते खाने व उसका रस कुष्ठ के घाव पर लगाने से रोग मिटता है।
- – तुलसी की जड़ से चिपकी मिट्टी चेहरे या शरीर के सफेद दाग पर मलने से सफेद दाग मिटने लगता है।
- – नींबू के रस में तुलसी के पत्ते पीसकर लेप बना कर दाद-खाज पर लगाने से आराम मिलता है।
- – बच्चे की छाती में कफ भर गई हो तो तुलसी के पत्तों के रस को शहद में मिलाकर दिन में 2-3 बार पिलाने से लाभ मिलता है। तुलसी का रस गुनगुना करके छाती, नाक व माथे पर लगाना चाहिए।
- – तुलसी के पत्ते के रस में शहद या मिश्री मिलाकर पिलाने से सामान्य ज्वर या सर्दी जुकाम के कारण होने वाला बुखार ठीक होता है।
- – काली मिर्च, तुलसी पत्ती और सोंठ का चूर्ण बराबर मात्रा में लेकर शहद के साथ देने से पुराना ज्वर ठीक होता है।
- – यदि आप फ्लू का शिकार हैं तो 50 ग्राम तुलसी की पत्तियां तथा 5 दाने काली मिर्च को पीसकर 200 ग्रा. पानी में उबालें। आधा रह जाने पर उतार लें। रोगी को इसे दिन में 2-3 बार पिलाएं।
- – तुलसी और सूर्यमूखी के पत्ते पीसकर उसका रस पीने से सभी तरह का ज्वर ठीक होता है।
- – तुलसी के ताजा पत्तों का रस गुनगुना करके कान में कुछ बूंदे देने से दर्द से राहत मिलती है।
- – तुलसी और मकोय की पत्ती के रस में थोड़ा कपूर मिलाकर कान में डालने से कान का बहना ठीक होता है।
- – तुलसी के पत्तों का रस पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मुंह के छाले ठीक होते हैं।
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