माहवारी में होता है दर्द, तो करें ये उपाय

नई दिल्ली : महिलाओं में पीरियड्स के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द होना आम बात है। कई बार पीरियड के समय पेट में असहनीय दर्द होता है, जिससे रोजाना के कार्य करना भी मुश्किल हो जाता है। कई बार अधिक दर्द होने पर राहत के लिए महिलाएं पेनकिलर ले लेती हैं, लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं है। बल्कि यह जानना जरूरी है कि समस्या की वजह क्या है और इसे दूर करने का क्या है सही तरीका।
महिलाओं में डिसमेनोरिया कि समस्या 
अगर पीरियड्स में बहुत दर्द रहता है, तो इसे अनदेखा न करें, हो सकता है कि आपको डिसमेनोरिया की समस्या हो। यह समस्या हर 7 में से एक महिला को होती है। यह 2 तरह का होता है- प्राइमरी और सेकंडरी। प्राइमरी डिसमेनोरिया में सामान्य दर्द और ऐंठन होता है और यह आमतौर पर यह महिला के मासिक धर्म शुरू होने के एक से दो वर्षों के भीतर होता है। दर्द अक्सर पेट के निचले हिस्से या पीठ के निचले हिस्से में होता है।
वहीं सेकंडरी डिसमेनोरिया महिला के जननांगों में किसी विकार की वजह से उत्पन्न होता है, जिसमें ऐंठन और दर्द होता है। अक्सर दर्द मासिक चक्र के आरंभ में शुरू होता है और सामान्य ऐंठन के मुकाबले अधिक समय तक बना रहता है। हालांकि माहवारी के दौरान महिलाओं में पेट दर्द और ऐंठन की समस्या को खान पान में थोड़ी बहुत तब्दीली कर के कम किया जा सकता है।
ओमेगा 3 फैटी ऐसिड लें 
जो महिलाएं नियमित रूप से ओमेगा-3 की खुराक लेती हैं उन्हें मासिक धर्म में कम दर्द का अनुभव होता है, ओमेगा 3 फैटी एसिड को मासिक धर्म से राहत दिलाने के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा उन चीजों को खाना भी फायदेमंद होता है जो विटमिन ई से भरपूर होती हैं। इस दौरान मैग्नीशियम, जिंक और विटमिन बी1 से भरपूर चीजें खाना भी फायदेमंद रहेगा।
 काजू ब्राजील नट्स सन के बीज मैं ओमेगा 3 फैटी एसिड  एएलए  के रूप में पाया जाता है।  सरसों के तेल, अखरोट का तेल शाकाहारी ओमेगा 3 फैटी एसिड के सबसे अच्छे स्रोत के रूप में जाने जाते है। वहीं हरी पत्तेदार सब्जियों में खासकर पालक फूल गोभी जैसे सब्जियों में ओमेगा-3 और आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। ये फाइबर के भी अच्छे स्रोत होते हैं जो कि पीरियड के दिनों में और आपके अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है।
पीरियड में यह ना खाएं 
कैफीन वाले प्रोडक्ट इन दिनों ना लें, कैफीन ऐसिडिटी की संभावना को बढ़ा देती है। इसमें चॉकलेट, ड्रिंक्स और चाय से परहेज करें। महिलाएं पीरियड्स के दौरान दूध से बनी चीजों को सेवन कर लेती हैं, जिनमें मौजूद सैच्युरेटेड फैट पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द और तकलीफ को बढ़ा देता है।
सोडियम लेवल न बढ़ने दें
महिलाएं पीरियड के दौरान मुड स्विंग को दूर करने के लिए चटपटी चीजें जैसे अचार, सॉस, चिप्स खाती हैं, जिनमें नमक की मात्रा अधिक होती है। इसी वजह से शरीर में सोडियम लेवल बढ़ जाता है और यूरिन की समस्या होती है। इससे पीरियड में दर्द और ऐंठन होता है।
तला भूना खाना न खाएं
मासिक धर्म के दौरान ज्यादा तला और स्पाइसी खाना खाने से गैस, बदहजमी, पेट फूलने जैसे समस्या हो सकती हैं, ऐसे में इन दिनों इन चीजों से परहेज करें। पीरियड्स के समय मीट खाने से भी बचें। इसकी बजाए आप मछली का सेवन कर सकती हैं। बेक्ड फूड टेस्टी तो होता है, लेकिन इसमें बहुत ही ज्यादा ट्रांस फैट होता है। यह आपके एस्ट्रोजन लेवल को बढ़ाकर यूट्रस में दर्द पैदा करता है।
मीठा से परहेज करें 
पीरियड के दौरान कोल्ड ड्रिंक का सेवन ना करें, इससे शुगर की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। ड्रिंक लेने की बचाए नैचरल ड्रिंक नारियल पानी का सेवन करें। केक, कुकीज, कैंडी और चीनी युक्त पेय पदार्थ पीरियड्स के दौरान दर्द और ऐंठन पैदा करते हैं। मीठा खाना हो तो अनार और सेब खाएं। इसके अलावा पीरियड्स के दौरान आइसक्रीम, चीज, क्रीम और डेयरी प्रोडक्ट्स से भी बचे।
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