
पिछले कुछ वर्षों से महिलाओं और लड़कियों में पीरियड्स को आगे बढ़ाने के लिए दवा लेने का चलन शुरू हुआ है। आजकल महिलाओं को कहीं जाना हो, पार्टी हो, कोई पूजा-पाठ हो, या कोई जरूरी काम हो और उस समय उनकी पीरियड्स की तारीख रहती है तो वे उसे आगे बढ़ाने के लिए बिना डॉक्टर की सलाह के तुरंत मेडिकल स्टोर्स से दवाई खरीद कर खा लेती हैं।
खासकर भारत जैसे धार्मिक देश में जहां पूजापाठ, छुआछूत ज्यादा माने जाते हैं, वहां यह चलन बहुत तेजी से फैल रहा है। महिलाएं स्वयं अपने शरीर की एक प्राकृतिक क्रिया को रोकती हैं, बिना यह जाने कि उसका आगे चल कर क्या दुष्परिणाम होगा। यहां तक महिलाएं अपनी टीनेज बच्चियों को भी परीक्षा के दौरान या अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के दौरान उन्हें बिना डॉक्टर्स के सलाह के दवा दे देती हैं।
केमिस्ट कहते हैं कि महिलाएं दवा की पर्ची के बगैर ये गोलियां खरीदने हमारे पास आती हैं। अमूमन तीन गोलियां काफी होती हैं, लेकिन इन दिनों महिलाएं एक साथ छह-सात गोलियां खरीदती हैं। हालांकि स्त्री रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कोई भी स्त्री रोग चिकित्सक इन दवाइयों को नहीं लिखते हैं। डॉक्टर्स कहते हैं कि कोई भी इंसान दवाई खाकर अपने शरीर की प्राकृतिक क्रियाओं को रोक कर स्वथ्य नहीं रह सकता है। शरीर की प्राकृतिक क्रियाओं में फेरबदल होने से उसका प्रभाव मनुष्य के तन और मन पर पड़ता है।
डॉक्टर्स का कहना है कि पीरियड को रोकने की दवा नॉरथिस्टेरॉन हैं, जो कि इंसान द्वारा (लेबोरेट्री में) बनाया हुआ एक फीमेल हार्मोन है। यह महिलाओं के शरीर से प्राकृतिक रूप से स्त्रावित होने वाला प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन के समान है। नॉरथिस्टेरॉन महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन का लेवल बढ़ा देता है, जिससे पीरियड्स रुक जाते हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं में मासिक धर्म दो हार्मोंस पर निर्भर करते हैं- एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन। पीरियड्स को टालने के लिए नॉरथिस्टेरॉन हार्मोन की गोलियां लेनी होती हैं। ये गोलियां महिलाओं के हार्मोनल साइकिल को प्रभावित करती हैं। अगर कोई इस हार्मोन को भारी मात्रा में लगातार लेता है तो इससे ब्रेन स्ट्रोक, लकवा, मिर्गी के दौरे आ सकते हैं। हमें ऐसे कई मामले मिले हैं। महिलाएं 10-15 दिनों तक ये गोलियां लेती हैं। इसके बहुत गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
इन दवाइयों को किसे नहीं खाना चाहिए
डॉक्टरों का कहना है कि यह दवा लेने से पहले रोगी का इतिहास जानना बहुत महत्वपूर्ण है। अगर किसी महिला को वर्टिगो या माइग्रेन, स्ट्रोक, ब्लड प्रेशर, मोटापा जैसी समस्या है तो ये गोलियां उनके स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पहुंचा सकती हैं।
महिला एथलीट को गोलियों से कम नुकसान
डॉक्टरों का कहना है कि महिला एथलीट अच्छा आहार लेती हैं, उनका शरीर मजबूत होता है, वो नियमित व्यायाम करती हैं। इसलिए जब वो ये गोलियां लेती हैं तो इसके साइड इफेक्ट्स की संभावना कम होती है। साथ ही एथलीट महिलाओं के मुकाबले पूजा के दौरान इन गोलियों को लेने वाली महिलाओं की संख्या कहीं अधिक है और वो ये गोलियां लंबी अवधि तक लगातार लेती रहती हैं।
इन दवाईयों के साइड-इफेक्ट
• पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं
• इसे खाने के बाद अगले महीने के पीरियड्स में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना
• दो पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग हो सकती है
• यूट्रस में फिब्रोइड, सिस्ट या गांठ या कैंसर हो सकता है
• ब्रैस्ट में भारीपन, सूजन या गांठ हो जाना
• ल्यूकोरिया(श्वेत-प्रदर) की शिकायत हो सकती है
• थकान होना
• चिड़चिड़ाहट होना
• शरीर में अनचाहे बालों की वृद्धि होना या चेहरे पर बाल आना
• पिंपल्स (मुंहासे) या झाइयां होना
• लिवर की समस्या होना
• कब्ज या दस्त लगना
• मुंह सूखना
• सांस लेने में तकलीफ होती है
• नींद डिस्टर्ब होना
• चक्कर आना
• हाथ-पैरों में सूजन आना