बालों के डाई और गोरा करने वाली क्रीम बना सकती है त्वचा रोगी

नई दिल्ली : लोगों में एलर्जी का एक सामान्य कारण बालों के हर्बल रंग और गोरी करने वाली क्रीम है। यह बात एक रिसर्च में सामने आई है, सौंदर्य प्रसाधनों में समय और भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार अलग तत्व होते हैं।

महिलाएं होती हैं ज्यादा प्रभावित 

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सकों के मुताबिक सौंदर्य प्रसाधन त्वचा रोग का बड़ा कारण है और यह पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करते हैं। लिपस्टिक, त्वचा को साफ करने वाले उत्पाद, त्वचा गोरी करने वाली क्रीम, कंडीशनर और मेकअप उत्पादों में परिरक्षक के तौर पर लगातार ऑक्सीकरणरोधी का इस्तेमाल किया जाता है। ये ऑक्सीकरणरोधी खाद्य पदार्थों में पाए गए ऑक्सीकरणरोधी से अलग होते हैं और हानिकारक हैं।

सर्जरी से कम करना चाहती हैं मोटापा, तो जानिए क्या होता है सर्जरी के बाद

हर्बल डाई में पीडीपी 

अधिकतर हर्बल हेयर डाई में पीपीडी से त्वचा रोग होते हैं, जबकि सौंदर्यप्रसाधनों में एसीडी ( एलर्जिक कांटेक्ट डर्माटिटिस) के अतिरिक्त एशियाई लोगों में रंजित सौंदर्यप्रसाधन त्वचारोग अधिक देखा गया है, जिसे पिगमैंटिड कॉस्मेटिक डर्मटाइटिस (पीसीडी) कहा जाता है। एशिया में त्वचा की रंगत को हल्का करने वाले उत्पादों का ख़ूब इस्तेमाल होता है।दक्षिण भारत में कुमकुम से तैयार होने वाले सौंदर्य प्रसाधनों के अध्ययन से पता चला कि 35 से ज़्यादा मामलों में पीसीडी और 11 से ज़्यादा मामलों में एसीडी पाया गया। शोधकर्ताओं ने युरोप और अमरीका में किए गए सात अध्ययनों के आँकड़े भी देखे, जिनमें आम लोगों और पैच टैस्ट किए गए 30,207 मरीज़ों को शामिल किया गया था। इस अध्ययन में सौंदर्य प्रसाधनों में 9.8 प्रतिशत एसीडी पाया गया।

पुरुषों में भी होता है ब्रेस्ट कैंसर, घर की महिलाएं भी हो सकती हैं प्रभावित, पढ़ें

अत्यधिक केमिकल की मात्रा 

डॉक्टर्स का कहना है कि भारत में अभी भी साँवले या काले रंग को बुरा माना जाता है और त्वचा का रंग निखारने वाले उत्पादों का ख़ूब इस्तेमाल होता है। वहीं बालों को रंगने वाले उत्पादों के बाद त्वचा की रंगत निखारने वाले उत्पाद दूसरे नंबर पर सबसे अधिक इस्तेमाल होते हैं। बालों के लिए हर्बल रंगों में उनका प्रभाव बढ़ाने के लिए पीपीडी मिलाया जाता है, लेकिन वे उत्पाद के लेबल पर उल्लेख नहीं करते हैं।
दरअसल औषधि और सौंदर्य प्रसाधन एक्ट 1940 के अंतर्गत नियमों और स्पष्ट दिशानिर्देशों के ना होने की वजह से सौंदर्य उत्पाद और हर्बल उत्पाद निर्माता अपने उत्पादों के तत्वों के बारे मंं खुलकर नहीं बताते। सरकार द्वारा सौंदर्य उद्योग में शामिल पक्षों को और अधिक ज़िम्मेदार बनाने के लिए कड़े नियम बनाए जाने चाहिए।

त्वचा रोग के सामान्य लक्षण
जलन और ख़ारिश, चेहरे और गर्दन की त्वचा धीरे-धीरे भूरी और फिर अधिक बेजान हो जाती है।

गोरी त्वचा करने वाली क्रीम है हानिकारक
106 मरीज़ों पर अध्ययन किया गया, जिसमें 77 मामलों में (72.6 प्रतिशत) पैच टेस्ट सकारात्मक पाया गया।

शेयर करें

मुख्य समाचार

Radha Ashtami 2023: राधा अष्टमी पर अगर पहली बार रखने जा …

कोलकाता : हिंदू धर्म में भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी की तिथि को बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है क्योंकि इस दिन भगवान आगे पढ़ें »

Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष आज से शुरू, जानें श्राद्ध की सभी तिथियां और विधि

नई दिल्ली : पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष भाद्रपद महीने की पूर्णिमा से शुरू होकर पितृमोक्षम अमावस्‍या तक चलते हैं। 29 सितंबर यानी कल से आगे पढ़ें »

ऊपर