
रायपुरः पूरे देश में गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। खासकर बच्चों को गणपति बप्पा का इंतजार बेसब्री से रहता है। वहीं, महिलाएं भी विघ्नहर्ता को अपने घरों, व्यवसाय वाले स्थान और गली मोहल्लों में स्थापित करने के लिए उत्सुक रहते हैं। इस दिन भगवान गणेशजी की नवीन प्रतिमा को ग्यारह दिन पहले घर, मोहल्ले और कामकाज वाले स्थान में स्थापना कर उनकी पूजा की जाती है। इस वर्ष यह तिथि यानी गणेश चतुर्थी 19 सितंबर 2023 दिन मंगलवार को पड़ रहा है। इस दिन भगवान गणेशजी की मूर्ति स्थापना कर सुंदर तरीके से सुबह शाम पूजा करना चाहिए। दिनचर्या के अनुसार आरती अवश्य उतारना चाहिए।
गणेश जी की पूजा करने का तरीका
गणेश जी की पूजा हर तरह के विघ्नों को शांत करने के लिए किया जाता है। गणेश जी की प्रथम पूजा की जाती है। भगवान गणेश जी सबकी मनोकामना अवश्य पूरी करते हैं। सबसे सरल और सहज पूजा भगवान गणेश जी की होती है। छोटे-छोटे बच्चे गली मोहल्लों में चौक चौराहों में भगवान गणेश जी के लिए एक छोटा सा मंच बनाकर मूर्ति स्थापना करते हैं। भगवान गणेशजी की पूजा करने किसी विशेष विधि-विधान की आवश्यकता नहीं होती है। मंत्रोपचार करते हुए स्थापना कर सकते हैं इसके अलावा प्रतिदिन दिनचर्या के अनुसार आरती उतारना चाहिए। यही पूजा का नियम है।
गणेश चतुर्थी पूजा सामग्री
गणेश जी की मूर्ति, पूजा के लिए चौकी, लाल या पीला कपड़ा, कलश, गंगाजल, कुमकुम, हल्दी, मौली, अक्षत, सुपारी, लौंग, इलाइची, पान, दूर्वा, पंचामृत, आम के पत्ते, सिंदूर, लाल फूल, जनेऊ, नारियल, घी, कपूर, चंदन, मोदक या बेसन के लड्डू, सुपारी, पंचमेवा, धूप।
गणेश चतुर्थी मूर्ति स्थापना की विधि
गणेश चतुर्थी मूर्ति स्थापना मंत्र
गणेश जी का स्थापना मंत्र
अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च।
अस्यै देवत्वमर्चार्यै मामहेति च कश्चन
ऊं सिद्धि-बुद्धि सहिताय श्री महागणाधिपतयें नम:।
सुप्रतिष्ठो वरदो भव।।
गणपति पूजा मंत्र
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥