
नई दिल्लीः देश की पहली मेक इन इंडिया के तहत बनाई गई सेमी हाई स्पीड ट्रेन टी-18 ट्रायल के लिए तैयार है। चेन्नई से लंबा सफर तय कर यह ट्रेन बुधवार को दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन पहुंच गई। अब इस ट्रेन का ट्रायल दिल्ली से मुरादाबाद के लिए होगा। ट्रायल के समय पहली बार स्पीड काफी कम रहेगी। इसके बाद इसे धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर ले जाया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार चेन्नई में कोच फैक्टरी में 100 करोड़ की लागत से इसे तैयार किया गया है। मेट्रो की तरह इसमें दोनों तरफ ड्राइवर केबिन है। इससे ट्रेन के इंजन को दिशा बदलने के झंझट से भी मुक्ति मिलेगी। कुछ सालों तक ऐसी 5 ट्रेनों का निर्माण कर लिया जाएगा। यह ट्रेन 160 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है। यह ट्रेन शताब्दी ट्रेनों को रिप्लेस करेगी। मौजूदा शताब्दी ट्रेनों की तुलना में यह ट्रेन सफर के लिए 15 % तक कम समय लेगी।
16 कोच होंगे
इसमें 16 कोच होंगे, जिनमें 12 कोच एसी सामान्य चेयर कार होंगे और दो कोच एग्जिक्यूटिव क्लास के होंगे। सामान्य चेयर कार में 78 सीटें होंगी, जबकि एग्जिक्युटिव क्लास में 52 सीटें होंगी। देश में पहली बार इस तरह के ट्रेन का निर्माण किया गया है। इससे बनाने में करीब 18 महीने का समय लगा। मेंबर रोलिंग स्टॉक राजेश अग्रवाल ने बताया कि यह भारतीय रेल का अब तक का सबसे बड़ी सफलता है। इस तरह की ट्रेन अब तक दूसरे देशों से मंगवानी पड़ रही थी।