
नयी दिल्ली : अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग को आरक्षण प्रदान करने का पुरजोर समर्थन करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को कहा कि मौजूद वक्त में आरक्षण की जो व्यवस्था है, उसे जारी रखा जाना चाहिए लेकिन पार्टी धार्मिक आधार पर आरक्षण का समर्थन नहीं करती। शाह ने एक निजी टीवी चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा,-‘भाजपा आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का सम्मान और समर्थन करती है। हम धार्मिक आधार पर आरक्षण का समर्थन नहीं करते।’ आरक्षण पर आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी मनमोहन वैद्य के बयान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वैद्य से धार्मिक आधार पर आरक्षण को लेकर एक सवाल पूछा गया था,यह वीडियो से भी साफ पता चलता है। कुछ लोगों ने बेहद चालाकी से सवाल का अंदाज ही बदल दिया। यह सवाल धार्मिक आधार पर आरक्षण को लेकर सच्चर समिति के सिफारिशों से संबंधित था। शाह ने कहा कि आरएसएस ने पहले ही साफ कर दिया है कि मौजूदा वक्त में आरक्षण की जो व्यवस्था है, उसे जारी रखा जाना चाहिए और इसकी समीक्षा करने का कोई सवाल ही नहीं उठता। राम मंदिर के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,-‘हमलोग राम मंदिर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन केवल संवैधानिक नियमों के तहत ही।’
वंशवाद की राजनीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वंशवाद की राजनीति पर एकतरफा राय ना रखें। भाजपा में किसी भी नेता का बेटा और बेटी चुनाव लड़ सकता है। यदि वे कड़ी मेहनत करते हैं तो वे विधायक भी बन सकते हैं। लेकिन यदि वो मुख्यमंत्री बनते हैं तो यह केवल उनकी प्रतिभा पर निर्भर करता है। एजेंसियां