
द्वारका/डाकोरः गुजरात स्थित सौराष्ट्र में द्वारका के जगत मंदिर तथा मध्य गुजरात के डाकोर के रणछोड़राय जी मंदिर में सोमवार को जन्माष्टमी के मौके पर मनोहारी सजावट की गयी तथा विशेष पूजा-अर्चना के आयोजनों के बीच भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। उत्तर गुजरात स्थित विख्यात शामलाजी मंदिर में कुछ ऐसा ही माहौल दिखा। भगवान कृष्ण के इन तीनों मंदिरों में भगवान की प्रतिमा का रत्नाभूषणों से विशेष शृंगार किया गया।
द्वारका के जगत मंदिर के उप प्रशासक ने बताया कि नियमित आयोजित होने वाली मंगला, शृंगार, संध्या और शयन आरती के स्थान पर जन्माष्टमी का मुख्य आकर्षण यहीं होता है। आम तौर पर इस मंदिर में रोज 10000 के आसपास दर्शनार्थी आते हैं पर जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर यह संख्या 50000 या उससे अधिक और जन्माष्टमी को 80000 से एक लाख तक पहुंच जाती है। उधर डाकोर मंदिर के संचालन ट्रस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि कृष्ण स्वरूप रणछोड़रायजी की प्रतिमा को 3-4 किलो सोने से बने और रत्न एवं हीरे आदि जटित मुकुट पहनाया जाता है। जन्माष्टमी के अलावा आश्विन और कार्तिक पूर्णिमा को भी ऐसा ही किया जाता है।