
नयी दिल्ली : दिल्ली से बैंकॉक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट एआई 332 में सफर कर रहे यात्रियों की जिंदगी उस वक्त खतरे में पड़ने वाली थी जब विमान के पायलट कैप्टन अरविंद कठपालिया नशे में टुन्न होने के बावजूद प्लेन उड़ाने जा रहे थे। दरअसल उन्होंने उड़ान भरने से पहले किया जाने वाला ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट नहीं दिया था। विमान के उड़ान भरने के ऐन वक्त पर पायलट की नशे में होने की बात पता चल गयी। इसके बाद इसकी सूचना तत्काल संबंधित अधिकारियों को दी गई और फ्लाइट को उड़ान भरने से पहले रोक लिया गया। फ्लाइट से निकलने से निकलने के बाद किए गए ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट (अल्कोहल टेस्ट) में पायलट अरविंद कठपालिया इस टेस्ट में फेल हो गए। टेस्ट के बाद उन्हें उड़ान के लिए अनफिट घोषित कर दिया गया। यह दूसरा मौका है, जब कथपालिया टेस्ट में फेल हुए। इससे पहले जनवरी, 2017 में ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में फेल होने के बाद नागर विमानन महानिदेशालय ने उनका लाइसेंस तीन महीने के लिए रद्द कर दिया था।
पायलट को इसकी सख्त सजा दी जाएगी
इस बारे में एयर इंडिया के फ्लाइट सेफ्टी चीफ ने जानकारी देते हुए कहा है कि पायलट अरविंद को इसकी सख्त सजा दी जाएगी। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को इस मामले में पायलट के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई के लिए सूचित कर दिया गया है। इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन ने भी इस मामले में नागरिक उड्डयन मंत्रालय को पत्र लिखा है और आरोपी पायलट अरविंद के खिलाफ यात्रियों की सुरक्षा में इतनी बड़ी लापरवाही बरतने को लेकर कार्रवाई की मांग की है। खास बात ये भी है कि अरविंद कठपालिया से जुड़ा ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले 19 जनवरी, 2017 को उन्हें दिल्ली-बंगलूर उड़ान से पूर्व ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया था। परिणामस्वरूप उनका कामर्शियल पायलट लाइसेंस तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था। उस समय ब्लड सेंपल न देने तथा जांच में बाधा पैदा करने के कारण उनके विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज की गई थी।
उनकी जगह दूसरे पायलट को भेजा गया
एयर इंडिया के अफसर के मुताबिक, कथपालिया को एआई-111 विमान नयी दिल्ली से लंदन लेकर जाना था। ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में दो बार फेल होने के बाद उन्हें विमान उड़ाने के लिए उपयुक्त घोषित नहीं किया गया। उनकी जगह दूसरे पायलट को भेजा गया। इसके चलते उड़ान 55 मिनट लेट हो गई। एयरक्राफ्ट नियम 24 के मुताबिक, यदि पायलट और क्रू मेंबर्स उड़ान के 12 घंटे पहले अल्कोहल लेता है तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाता है। उड़ाने के पहले सभी पायलट और क्रू मेंबर का अल्कोहल टेस्ट भी होता है, जिसे पास करना अनिवार्य होता है। डीजीसीए के नियमों के मुताबिक, पायलट यदि पहली बार अल्कोहल टेस्ट में फेल होता है तो उसका लाइसेंस तीन महीने के लिए रद्द कर दिया जाता है। वहीं, दूसरी बार फेल होने पर तीन साल के लिए और तीसरी बार फेल होने पर लाइसेंस हमेशा के लिए रद्द हो जाता है।
बता दें कि कि कैप्टन कठपलिया एयर इंडिया बोर्ड के सदस्य भी हैं। ध्यान रहे कि भारतीय एयरलाइनों, खासकर एयर इंडिया के पायलट अकसर सुर्खियों में रहते हैं। इस मसले पर विमानन मंत्री द्वारा संसद में दिए गए उत्तर के अनुसार पिछले तीन वर्षो के दौरान 132 पायलटों को उड़ान पूर्व किए जाने वाले ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट में पाजिटिव पाया गया है। पिछले साल विमान उड़ाने से पहले की गई जांच में 45 पायलटों को नशे की हालत में पकड़ा गया था।