
बेंगलुरू : अगर दिल में कुछ पाने की चाह हो तो हर मुश्किल छोटी नजर आती है। यही वजह है कि मजबूत इरादे और बुलंद हौसलों के आगे कभी कभी किस्मत को भी हार माननी पड़ती है। जहां चाह वहां राह के कथन को सही साबित करते हुए कर्नाटक के 19 वर्षीय मुक्केबाज मनोहर कदम ने राज्य में आई बाढ़ के बावजूद बेंगलुरू में आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय मुक्केबाजी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए ढाई किलोमीटर की बाधा को तैरकर पार कर लिया। इसके बाद मनोहर ने ट्रेन पकड़कर बेंगलुरू तक का सफर तय किया। वहां पहुंचकर उसने न केवल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया बल्कि मेडल भी जीता। मालूम हो कि बाढ़ के कारण मनोहर के घर और पूरे गांव में सिर तक पानी भर गया था जिसकी वजह से तीन सड़कें भी क्षतिग्रस्त हो गयी थी।
पिता ने भी दिया साथ
मनोहर के इस संघर्ष में उसके पिता ने भी उसका भरपूर साथ दिया। बेंगलुरू में आयोजित मुक्केबाजी प्रतियोगिता के लिए मनोहर को 7 अगस्त को ट्रेन पकड़ना था पर राज्य में भारी बारिश के कारण बेलगावी जिले के मन्नूर गांव के पास किसी भी तरह की यातायात की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। इसके बाद मनोहर ने तैरकर अपनी मंजिल तक पहुंचने की ठानी। इस दौरान उसने बॉक्सिंग किट को पॉलिथिन में लपेटा और अपने पिता के साथ लगभग 45 मिनट तक तैरते हुए 2.5 किलोमीटर की दूरी को तय किया। मेन रोड पर पहुंचने के बाद उनकी मुलाकात बेलगावी टीम से हुई। इस यात्रा के 3 दिन बाद रविवार को मनोहर ने बेंगलुरू में सिल्वर मेडल हासिल किया।
स्वर्ण मेडल का था लक्ष्य
अपनी जीत पर मनोहर ने कहा कि उसका लक्ष्य स्वर्ण जीतने का था। मैं अगली बार निश्चित रूप से गोल्ड मेडल जीतूंगा। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें इस प्रतियोगिता का काफी लंबे अरसे से इंतजार था और वह इसमें हर हालत में हिस्सा लेना चाहते थे पर राज्य में आई बाढ़ के कारण किसी भी तरह के यातायात के साधन मौजूद नहीं थे इसीलिए उनके पास तैरने के अलावा और कोई उपाय नहीं था। हालांकि वे सिल्वर जीत कर भी वह प्रसन्न हैं।
मालूम हो कि मनाेहर अर्जुन पुरस्कार विजेता कैप्टन मुकुंद किलेकर से ट्रेनिंग ले रहे हैं। हालांकि राज्य में खराब स्थिति की वजह से मनोहर काफी लंबे समय से ट्रेनिंग नहीं पा रहे थे फिर भी अपनी लगन से उन्होंने सिल्वर मेडल हासिल कर लिया।