गोसाबा में नदी तटबंध टूटा, कई गांव और खेत जलमग्न

इलाके के कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया सिंचाई विभाग की ओर से मरम्मत कार्य जारी स्थायी कंक्रीट तटबंध की मांग तेज
गोसाबा में नदी तटबंध टूटने के बाद गांव हुआ जलमग्न
गोसाबा में नदी तटबंध टूटने के बाद गांव हुआ जलमग्न
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रामबालक, सन्मार्ग संवाददाता
दक्षिण 24 परगना: गोसाबा और हिंगलगंज ब्लॉक के कई गांवों में नदी तटबंध टूटने से भारी तबाही मच गई। रॉयमंगल नदी का खारा पानी तेजी से गांवों में घुस आया, जिससे सैकड़ों घर और हजारों बीघा कृषि भूमि जलमग्न हो गई। अचानक आई इस बाढ़ से ग्रामीणों में अफरातफरी मच गई और प्रशासन को राहत कार्य में जुटना पड़ा। प्रशासन के अनुसार, गोसाबा ब्लॉक के आमतली पंचायत अंतर्गत पुइंजली गांव के हरितला इलाके में करीब 100 मीटर लंबाई में नदी तटबंध ध्वस्त हो गया। सुबह के समय ज्वार और कुटाल (समुद्री जलस्तर वृद्धि) के कारण जलस्तर बढ़ा और बांध टूटने से पानी तेजी से गांवों में फैल गया। राहत कार्य में जुटे सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने आपात स्थिति में रिंग बांध बनाकर हालात को नियंत्रित करने की कोशिश की। प्रशासन ने माइकिंग के माध्यम से गांववासियों को ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी। अब तक करीब 1,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। प्रभावित इलाकों में कई राहत शिविर भी खोले गए हैं। दक्षिण 24 परगना जिला परिषद के उपाध्यक्ष अनिमेष मंडल ने बताया कि कम से कम तीन से चार गांवों में पानी घुस चुका है। अनुमान है कि लगभग 4,000 बीघा खेती की जमीन बर्बाद हो गई है और करीब 500 घर पूरी तरह जलमग्न हैं। कई सड़कों को भी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन का कहना है कि जैसे ही कुटाल का असर कम होगा, पानी उतरना शुरू हो जाएगा। राहत और मरम्मत कार्य युद्ध स्तर पर जारी हैं। अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं मिली है। दूसरी ओर, हिंगलगंज ब्लॉक के बनस्थली ग्राम पंचायत क्षेत्र में भी करीब 200 फीट लंबा नदी तटबंध ध्वस्त हो गया, जिससे खारा पानी खेतों में घुस आया। स्थानीय लोगों ने बताया कि इलाके में लंबे समय से तटबंध की मरम्मत नहीं हुई थी। कई बार बीडीओ और पंचायत को सूचना देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने अब स्थायी कंक्रीट तटबंध निर्माण की मांग की है। प्रशासन की नजर स्थिति पर बनी हुई है और राहत कार्य निरंतर जारी हैं।

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