सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को राज्य की तेजी से हो रही आर्थिक प्रगति का उल्लेख करते हुए “कर्मभूमि से जन्मभूमि” अभियान के तहत प्रवासी राजस्थानी समुदाय को निवेश के लिए आमंत्रित किया। कोलकाता में आयोजित प्रवासी राजस्थानी दिवस रोड शो को संबोधित करते हुए सीएम शर्मा ने कहा कि राजस्थान अब एक बड़े औद्योगिक और आर्थिक शक्ति केंद्र के रूप में उभर रहा है। राज्य सरकार ने जल और बिजली जैसी बुनियादी समस्याओं को दूर करते हुए कई नई नीतियाँ लागू की हैं, जिससे निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा,
“राज्य तेज विकास की राह पर है। हम चाहते हैं कि विश्वभर में बसे राजस्थानी लोग एक मजबूत राजस्थान के निर्माण में भागीदार बनें। आप अपनी मातृभूमि में कम से कम एक यूनिट लगाइए और फिर देखिए कि यहाँ आपको कितना बेहतर लाभ मिलता है।”
उन्होंने प्रवासी समुदाय को 10 दिसंबर को जयपुर में आयोजित होने वाले प्रवासी राजस्थानी दिवस में भाग लेने का निमंत्रण भी दिया। यह आयोजन वैश्विक स्तर पर राजस्थानियों की उपलब्धियों को सम्मानित करने और आपसी संबंधों को मज़बूत करने का मंच बनेगा।
कार्यक्रम में कोलकाता के प्रमुख उद्योगपति — शाश्वत गोयनका (आरपी संजीव गोयनका ग्रुप), उमेश चौधरी (टिटागढ़ रेल सिस्टम्स) और एच. पी. बुधिया (पैटन ग्रुप) — उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी दिसंबर 2025 तक चालू होने जा रही है, जिससे राज्य में हाइड्रोकार्बन और पेट्रोकेमिकल हब के विकास को गति मिलेगी। इसके साथ ही सरकार राजस्थान पेट्रो ज़ोन भी विकसित कर रही है ताकि डाउनस्ट्रीम उद्योगों को आकर्षित किया जा सके।
शर्मा ने बताया कि राजस्थान 34,555 मेगावाट स्थापित क्षमता के साथ भारत में अग्रणी है, जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से आती है। राज्य ने 17 गीगावाट की नई हरित ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटित की है और 2027 तक बिजली से जुड़ी सभी समस्याओं को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है।
वस्त्र एवं परिधान क्षेत्र में भी राजस्थान देश का प्रमुख केंद्र बन चुका है, जहाँ 1,500 से अधिक फैक्ट्रियाँ संचालित हैं। नई टेक्सटाइल एंड एपेरल पॉलिसी 2025 का लक्ष्य वैश्विक प्रतिस्पर्धा को मज़बूत करना, टिकाऊ उत्पादन को बढ़ावा देना और अधिक रोजगार सृजित करना है।
सरकार अब तक 22 नई नीतियां लागू कर चुकी है और कई नई नीतियाँ — जैसे सेमीकंडक्टर, स्पेस, एयरो-डिफेंस और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स — पर काम जारी है ताकि निवेशकों के लिए और बेहतर वातावरण तैयार किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसंबर 2024 के निवेश शिखर सम्मेलन में हुए ₹35 लाख करोड़ के समझौतों में से ₹7 लाख करोड़ की परियोजनाएँ जमीन पर उतर चुकी हैं।
राजस्थान अब भी जिंक, सीसा, चांदी, संगमरमर और बलुआ पत्थर का देश का सबसे बड़ा उत्पादक है, जहां 85 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं। सरकार ने राजस्थान खनिज नीति 2024 और एम-सैंड नीति 2024 लागू की है ताकि खनिज खोज और नीलामी प्रक्रिया को तेज किया जा सके। पर्यटन को औद्योगिक दर्जा दिया गया है और पर्यटन परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन की न्यूनतम निवेश सीमा ₹100 करोड़ से घटाकर ₹50 करोड़ कर दी गई है।
इसके साथ ही सरकार “धार्मिक-पर्यटन सर्किट” विकसित कर रही है जो राज्य के प्रमुख तीर्थ स्थलों को आपस में जोड़ेगा।