साइबर अपराधियों की अब सफल नहीं होगी कोई चाल

लापता डाटा ‘ऑक्सीजन फॉरेंसिक डिटेक्टिव’ से बरामद करेगा लालबाजार
फाइल फोटो
फाइल फोटो
Published on

कोलकाता : अब मोबाइल या लैपटॉप से डिलीट किया गया डेटा भी अपराधियों को नहीं बचा पाएगा। लालबाजार साइबर अपराध से निपटने के लिए अत्याधुनिक ‘ऑक्सीजन फॉरेंसिक डिटेक्टिव’ तकनीक ला रहा है। यह मिटाए गए डाटा को भी दोबारा निकाल लाने में सक्षम है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सिर्फ यही नहीं, कोलकाता पुलिस साइबर अपराध को लगभग समाप्त करने के उद्देश्य से 18 नये अत्याधुनिक तकनीकी उपकरण और सॉफ्टवेयर खरीदने जा रही है, जिस पर करीब 5.68 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘साइबर अपराधी पुलिस जितनी तेजी से जांच करती है, उतनी ही तेजी से खुद को बचाने की कोशिश करते हैं। इसीलिए लापता या छिपा हुआ डेटा निकालने और अपराधियों की सभी संभावित चालें रोकने के लिए यह तकनीक खरीदी जा रही है।’

क्या है ‘ऑक्सीजन फॉरेंसिक डिटेक्टिव’?

यह सॉफ्टवेयर 31,000 से अधिक मोबाइल फोन और लैपटॉप से 50,000 ऐप्स, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और 100 से अधिक क्लाउड सर्विस से डेटा निकाल सकता है। यहां तक कि यह किसी डिवाइस में छिपे या एन्क्रिप्टेड मैलवेयर को भी पहचान सकता है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस सॉफ्टवेयर के अलावा लगभग 2 करोड़ रुपये की लागत से एक और उन्नत डेटा रिकवरी सिस्टम भी खरीदा जा रहा है, जो मोबाइल और लैपटॉप से डिलीट किए गए फाइल, चैट, वीडियो और फोटो को भी पुनः प्राप्त कर सकेगा।

जांच के लिए अत्याधुनिक कैमरे और ड्रोन

साइबर जांच को और मजबूत करने के लिए लालबाजार 10 हाई-रिजॉल्यूशन स्टील कैमरे खरीद रहा है, जिनकी कीमत प्रत्येक 5 लाख रुपये से अधिक है। इनके साथ महंगे लेंस भी खरीदे जा रहे हैं। इसके अलावा 32 वीडियो कैमरे और 30 इंफ्रारेड बॉडी कैमरे भी खरीदे जा रहे हैं, जो पूर्ण अंधेरे में भी स्पष्ट वीडियो और फोटो ले सकते हैं। इन पर लगभग 12 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। साथ ही, आसमान से निगरानी के लिए पुलिस 8.25 लाख रुपये की लागत से दो अत्याधुनिक ड्रोन कैमरे खरीद रही है।

साइबर फॉरेंसिक लैब को भी सशक्त किया जाएगा

साइबर अपराधियों का पता लगाने और डिजिटल साक्ष्य जुटाने के लिए लाया जा रहा है डिजिटल फॉरेंसिक वर्कस्टेशन और दो विशेष फॉरेंसिक लैपटॉप, जिनकी कीमत 14.5 लाख रुपये है। लालबाजार पुलिस का कहना है कि इन सभी अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से साइबर अपराधियों के लिए अब कोई भी डिजिटल सबूत मिटाना या छिपाना लगभग असंभव हो जाएगा।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in