भारत-चीन संबंधों में नयी रफ्तार, 5 साल बाद कोलकाता से अब डायरेक्ट उड़ान

कोविड से पहले कोलकाता से ग्वांगझू, चेंगदू, कुनमिंग और हांगकांग के लिए इंडिगो, चाइना ईस्टर्न, कैथे पैसिफिक और कैथे ड्रैगन एयरलाइंस की उड़ानें संचालित होती थीं
भारत-चीन डायरेक्ट उड़ान
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : 5 साल से अधिक के अंतराल के बाद कोलकाता पहली भारतीय शहर बनेगा जो चीन के साथ सीधे हवाई संपर्क को फिर से शुरू करेगा । इंडिगो एयरलाइंस ने 26 अक्टूबर से कोलकाता और ग्वांगझू के बीच दैनिक नॉन-स्टॉप उड़ानों की घोषणा की है। टिकट शुक्रवार से बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। यह हवाई कनेक्टिविटी बहाल होना भारत-चीन के बीच कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों को पुनर्जीवित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए चीन की यात्रा और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई वार्ता के बाद आया है। दोनों नेताओं ने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच व्यापार संबंधों को मजबूत करने की रणनीतियों पर चर्चा की, जिससे इस नई उड़ान का मार्ग प्रशस्त हुआ।

दाेनों शहर है अहम

ट्रैवल एजेंट्स एसोसियेशन ऑफ इंडिया, ईस्ट के चेयरमैन और एयरकॉम ट्रैवल्स के डायरेक्टर अंजनी धानुका ने बताया कि ग्वांगझू, जिसे ऐतिहासिक रूप से कैंटन कहा जाता है, हांगकांग के उत्तर पश्चिम में पर्ल नदी पर स्थित एक प्रमुख बंदरगाह शहर है। यह विशाल कैंटन मेले के लिए प्रसिद्ध है और यहां का थोक बाजार व शॉपिंग मॉल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक बड़ा केंद्र हैं। ग्वांगझू और कोलकाता के बीच जुड़ाव से न केवल कोलकाता और बंगाल, बल्कि पूरे क्षेत्र के व्यापार और पर्यटन को बड़ा प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।

कोलकाता हवाईअड्डे के अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि यह नई उड़ान हवाईअड्डे को कोविड-19 से पहले के स्तर तक पहुंचाने में मदद करेगी। सीधे उड़ान शुरू होने से व्यापार को समय, लागत और संसाधनों की बचत होगी, जिससे भारतीय निर्यात अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे।

यात्रा और पर्यटन उद्योग ने भी इस कदम का स्वागत किया है। ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अनिल पंजाबी ने कहा कि इस से दोनों देशों के पर्यटन उद्योग को लाभ मिलेगा, क्योंकि भारत में चीनी पर्यटक सांस्कृतिक और वेलनेस स्थलों की यात्रा करेंगे, जबकि भारतीय यात्री चीन की विरासत और आधुनिक आकर्षण देखेंगे। इस कनेक्टिविटी से बिजनेस ट्रैवल, छात्र आदान-प्रदान, मेडिकल टूरिज्म और MICE (मीटिंग, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस, एग्जिबिशन) गतिविधियाँ भी बढ़ेंगी, जैसा कि ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के मानव सोनी ने बताया।

सूत्रों के अनुसार, एयर इंडिया भी साल के अंत तक शंघाई के लिए उड़ान शुरू करने की योजना बना रही है, जबकि एयर चाइना दिल्ली और मुंबई के लिए बीजिंग कनेक्टिविटी की अनुमति मांग रही है।

फ्लाइट्स का निलंबन जनवरी 2020 में वुहान में कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण हुआ था, जिसने वैश्विक महामारी फैला दी और यात्रा प्रतिबंध लगाए गए। इन हवाई संपर्कों की बहाली को भारत-चीन संबंधों में सामान्यीकरण और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

कोविड से पहले कोलकाता से ग्वांगझू, चेंगदू, कुनमिंग और हांगकांग के लिए इंडिगो, चाइना ईस्टर्न, कैथे पैसिफिक और कैथे ड्रैगन एयरलाइंस की उड़ानें संचालित होती थीं। इन उड़ानों का पुनः आरंभ होना न केवल बेहतर कूटनीतिक संबंधों का प्रमाण है, बल्कि दोनों देशों के बीच बढ़ती कनेक्टिविटी की मांग का भी जवाब है।

कोलकाता-ग्वांगझू उड़ान इंडिगो के अत्याधुनिक एयरबस ए 320 एनईओ विमान से संचालित होगी, जो कोलकाता से रात 10 बजे उड़ान भरेगा और ग्वांगझू पहुंचने का समय स्थानीय समयानुसार सुबह 4.05 बजे होगा। वापसी की उड़ान ग्वांगझू से सुबह 5.35 बजे शुरू होगी और कोलकाता में सुबह 7.50 बजे पहुंचेगी। इस उड़ान के शुरू होने के बाद, इंडिगो दिल्ली-ग्वांगझू उड़ान को भी पुनः शुरू करने की योजना बना रही है। इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने भारत और चीन के बीच दैनिक नॉन-स्टॉप उड़ानें फिर से शुरू होने पर खुशी जताई और कहा कि यह लोगों, माल और विचारों के सुगम आवागमन और दोनों तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा।

: नेहा सिंह

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