“होप”# उम्मीद पे तो दुनिया कायम है”: सकारात्मकता और सहनशीलता का जश्न | Sanmarg

“होप”# उम्मीद पे तो दुनिया कायम है”: सकारात्मकता और सहनशीलता का जश्न

हाल ही में G100 क्लब और WICCI के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम ‘द होप # उम्मीद पे तो दुनिया कायम है’ का आयोजन किया गया, जिसे बड़े ही प्रभावी ढंग से विजयंती सहरिया पुगलिया और सोनाली क्यूबो प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध चित्रकार शुभ प्रसन्न भट्टाचार्य ने कल्पनाओं को कैनवस पर लाइव प्रस्तुत किया जबकि राजलक्ष्मी श्याम का पियानो के माध्यम से मनमोहक सां​गीतिक प्रस्तुति हुई। जीवन के वास्तविक हीरो की गवाही से लेकर सांगीतिक प्रस्तुतियों के इस अद्भुत मेल ने इस इवेंट को उत्साह से परिपूर्ण कर दिया। इवेंट के एक विशेष सत्र में IICP के बच्चों की भागीदारी थी​, जिन्होंने दिखाया कि अंदर से सकारात्मक होने से आप किसी भी स्थिति का सामना कर सकते हैं।

फिल्म “मिसेज चैटर्जी वर्सेज नॉर्वे” की सागरिका चक्रवर्ती भी “होप” में मौजूद थीं। विजयंती पुगलिया और अनुपमा डालमिया के साथ बातचीत करते समय, सागरिका ने अपने बच्चों के लिए किये अपने संघर्ष की दर्दनाक कहानी साझा की।

“होप” के अंतिम दौर में फैशन, क्रिएटिविटी की शानदार प्रदर्शनी का आयोजन हुआ जिसमें शहर के अग्रणी डिजाइनर्स ने मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और प्रशंसा बटोरी। इस इवेंट के पीछे की सृजनात्मक शक्ति थीं विजयंती सहरिया पुगलिया। जिनकी इस परिकल्पना ने यह संदेश दिया कि जीवन एक सुंदर और आशापूर्ण यात्रा है। यानी चाहे चुनौतियां जैसी भी हों, जीवन की आखिरी सांस तक आशा पर निर्भर रहें।

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