भवानीपुर में मनाया गया गुजराती नववर्ष मिलन समारोह

पंकज पारेख, शिबानी शाह, मिराज शाह, उत्सव पारेख, रजनीकांत दानी और नलिनी पारेख
पंकज पारेख, शिबानी शाह, मिराज शाह, उत्सव पारेख, रजनीकांत दानी और नलिनी पारेख
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : द भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज में गुजराती समुदाय के सदस्यों ने बड़े उत्साह और पारंपरिक उल्लास के साथ गुजराती नववर्ष विक्रम संवत 2082 का स्वागत किया। इस अवसर पर कॉलेज परिसर को रंग-बिरंगी सजावट, फूलों और रोशनी से सजाया गया था, जिससे पूरे वातावरण में उत्सव की चमक और सौहार्द का माहौल बन गया।

राहुल वोरा, मानसी कोठारी, ऋषभ कोठारी, ​मिराज शाह, शिबानी शाह और जिनेश वंजारा
राहुल वोरा, मानसी कोठारी, ऋषभ कोठारी, ​मिराज शाह, शिबानी शाह और जिनेश वंजारा

कार्यक्रम की शुरुआत “साल मुबारक” की शुभकामनाओं के आदान-प्रदान से हुई, जिसमें परिवारों, पूर्व छात्रों, शिक्षकों और शुभचिंतकों ने एक-दूसरे को नववर्ष की बधाइयां दीं। इसके बाद सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, पारंपरिक नृत्य, संगीत और हल्के नाश्ते का आयोजन किया गया, जिसने पूरे समारोह को जीवंत बना दिया।

मुख्यमंत्री श्रीमती ममता बनर्जी ने भी गुजराती समुदाय को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बंगाल हमेशा से विभिन्न संस्कृतियों का संगम रहा है, जहां हर समुदाय को अपनी परंपराओं के साथ जीने और आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। उन्होंने सभी के सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की।

 शालिनी बेन, अंजू बेन, सोनल बेन, भारतेन्दु वोरा, मिराज शाह, राहुल वोरा, शिबानी जी, दिशा और चैतन्य
शालिनी बेन, अंजू बेन, सोनल बेन, भारतेन्दु वोरा, मिराज शाह, राहुल वोरा, शिबानी जी, दिशा और चैतन्य

द भवानीपुर एजुकेशन सोसाइटी कॉलेज के ट्रस्टी मिराज शाह ने इस अवसर पर कहा कि ऐसे उत्सव न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखते हैं, बल्कि समाज में एकता, भाईचारा और सहयोग की भावना को भी प्रबल करते हैं। उन्होंने कहा कि गुजराती नववर्ष मिलन समारोह समुदाय के आपसी संबंधों को और मजबूत करने का एक सुंदर अवसर बना है।

कॉलेज प्रशासन ने इस आयोजन के माध्यम से सामाजिक और सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा देने के अपने संकल्प को दोहराया। विद्यार्थियों और अतिथियों ने इसे एक यादगार अनुभव बताया, जिसमें परंपरा, संस्कृति और आधुनिकता का सुंदर संगम देखने को मिला। इस उत्सव ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि विविधता में ही भारत की असली शक्ति और सुंदरता निहित है।

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