ठग, जिसे 13 राज्यों की पुलिस खोज रही थी

विधाननगर पुलिस ने केरल से पकड़ा
गिरफ्तार अभियुक्त का फाइल फोटो
गिरफ्तार अभियुक्त का फाइल फोटो
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विधाननगर : 13 राज्यों में वांछित एक अंतरराज्यीय शातिर ठग को विधाननगर पुलिस ने केरल से गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी कई हफ्तों तक चली बहुराज्यीय समन्वय कार्रवाई का नतीजा है। अभियुक्त का नाम अजय के. उर्फ कुरपाटी अजय है। वह मूल रूप से बेंगलुरु का रहने वाला है और एथिकल हैकिंग में डिप्लोमा धारक है। पुलिस ने उसे केरल के कोच्चि के एक होटल से पकड़ा है। पुलिस ने बताया कि यह ठग पिछले चार वर्षों से पूरे भारत में होटलों में ठहरकर वॉलेट, क्रेडिट कार्ड, मोबाइल फोन और लैपटॉप चुराता था। कार्डों की लिमिट खाली करने के बाद वह फोन और लैपटॉप को ई-लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म के जरिए लौटा देता था।

क्या है पूरा मामला

पुलिस के अनुसार, इस साल 29 जुलाई को सॉल्टलेक एएल ब्लॉक के एक गेस्टहाउस में रहने वाले युवक विनय कुमार ने शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी वॉलेट में क्रेडिट कार्ड, मोबाइल फोन और लैपटॉप चोरी हो गया था। उन्होंने एक अन्य यात्री साई कृष्णा पर शक जताया, जो खुद गायब हो चुका था। विधाननगर सिटी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमें पता चला कि उसने क्रेडिट कार्डों से एक प्रसिद्ध ज्वेलरी स्टोर से सोने के आभूषण खरीदे थे और कई हाई-एंड फोन भी। दिलचस्प बात यह है कि कार्डों का इस्तेमाल करने के बाद उसने अगले ही दिन कुमार का फोन, लैपटॉप और वॉलेट ई-लॉजिस्टिक्स के जरिए लौटा दिया।’

अधिकारी ने कहा कि पुलिस को शक हुआ कि ठग को क्रेडिट कार्ड भुगतान के लिए ओटीपी और टू-स्टेप ऑथेंटिकेशन की जरूरत पड़ती थी, इसलिए वह फोन और लैपटॉप लौटाता था। यह चोरी का अनोखा तरीका था। हमने अन्य शहरों में इस तरह की शिकायतों का अध्ययन शुरू किया और कई मामलों में अलग-अलग नामों से शिकायतें मिलीं। पहचान तकनीक से पता चला कि सभी में एक ही व्यक्ति अलग-अलग पहचानों का इस्तेमाल कर रहा था।

एक नाम पर 98 सिम कार्ड और 60 मोबाइल हैं रजिस्टर्ड

जांचकर्ताओं ने खुलासा किया कि ठग अलग-अलग व्यक्तित्व अपनाता था। वह आधार कार्डों में नाम बदलवाता था, लेकिन अपनी ही फोटो का इस्तेमाल करता था। पिछले चार वर्षों में उसके खिलाफ 13 राज्यों में 18 एफआईआर दर्ज हैं। एक नाम साई कृष्णा के तहत उसके पास कम से कम 98 सिम कार्ड और 60 आईएमईआई नंबर रजिस्टर्ड हैं। एक जांचकर्ता ने बताया, ‘उसका तरीका अनोखा था। वह अच्छे कपड़ों में रहता था और कभी आईटी प्रोफेशनल, कभी पायलट या इनवेस्टमेंट ट्रेडर बनकर देशभर के होटलों में यात्रियों से दोस्ती करता था। दोस्ती गहरी होने पर चुपके से गैजेट्स और क्रेडिट-डेबिट कार्ड चुरा लेता, लिमिट खाली कर सामान लौटा देता।’

जुए की लत के कारण बना ठग

पुलिस ने कहा कि पूछताछ में उसने कबूल किया कि चुराए पैसे का इस्तेमाल जुआ की लत और शानदार जीवन जीने के लिए करता था। वह महंगे गैजेट्स का शौकीन था। उसके माता-पिता से संपर्क किया गया। माता पिता ने बताया कि उन्होंने 2016 से उसे त्याग दिया था, जब उसने अपराध शुरू किए थे। वह घर छोड़ चुका था, लेकिन 2021 से सक्रिय ठग बना। पिछले चार वर्षों में उसे दो बार गिरफ्तार किया गया था। एक बार बेंगलुरु में और एक बार 2023 में गंगटोक में।

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