ईडी की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी

कई दस्तावेज हुए जब्त
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : लगभग 20 घंटे तक चले तलाशी अभियान के बाद, आधी रात के करीब मंत्री के कार्यालय से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी बाहर निकले। यह तलाशी 10 अक्टूबर की सुबह से शुरू हुई थी और देर शाम तक जारी रही। इस दौरान ईडी ने मंत्री बेटे के रेस्टोरेंट पर भी करीब 22 घंटे तक छानबीन की, जो बाइपास के पास स्थित है। अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए हैं।

ईडी की छानबीन का मुख्य फोकस 2016 से 2020 के बीच मंत्री और उनके बेटे के रेस्टोरेंट में डाले गए पैसों के स्रोत की जांच करना है। इस जांच का संबंध नगरपालिका में भर्ती घोटाले से है। इसके अलावा, मंत्री के करीबी सहयोगी और चार्टर्ड अकाउंटेंट के घर, दक्षिण दमदम नगरपालिका के पार्षद के घर और गोदाम पर भी तलाशी अभियान चलाया गया।

यह मामला 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भी सुर्खियों में आ चुका है, जब ईडी ने 12 जनवरी को छापा मारा था और उनके फोन जब्त किए थे।

इस पूरी जांच को लेकर मंत्री ने कहा कि यह सब दबाव राजनीति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, ऐसे प्रयास बढ़ेंगे। हम डरकर चुप नहीं बैठेंगे या भागेंगे नहीं। हम कानून के तहत इसका सामना करेंगे।” ईडी की यह कार्रवाई राजनीतिक और आर्थिक दोनों ही स्तरों पर चर्चा का विषय बनी हुई है, और आने वाले दिनों में इसके और भी पहलुओं का खुलासा होने की संभावना है। ईडी ने करीब 20 घंटे तक दमकल मंत्री सुजित बसु के कार्यालय में तलाशी अभियान चलाया।

मुख्य बातें

रेस्टोरेंट में लगभग 22 घंटे तक तलाशी हुई।

बाइपास के पास स्थित धाबे में भी ईडी ने छानबीन की।

कई अहम दस्तावेज और कागजात ईडी ने जब्त किए हैं।

जांच 2016 से 2020 के बीच रेस्टोरेंट में डाले गए पैसों के स्रोत की है।

चार्टर्ड अकाउंटेंट के घर भी तलाशी हुई।

दक्षिण दमदम नगरपालिका के अधिकारी के घर और गोदाम पर भी तलाशी हुई।

मंत्री ने जांच को ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ करार दिया और कहा कि वे डरेंगे नहीं।

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