

सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : वर्तमान में एयरपोर्ट के बाहर कोई आधिकारिक प्रीपेड टैक्सी सेवा संचालित नहीं हो रही है। गेट नंबर 2ए/बी के सामने मौजूद प्रीपेड कैब के नाम से चल रहा कियोस्क यात्रियों को यह विश्वास दिलाता है कि यह पुलिस या सरकारी सेवा है। नतीजतन, कई यात्री ऐप-आधारित सेवाओं की तुलना में लगभग दोगुना किराया चुका रहे हैं।
एक वरिष्ठ एयरपोर्ट अधिकारी ने बताया कि आंतरिक समीक्षा के बाद हमने मौखिक रूप से ऑपरेटर को सूचित किया है कि उनका लाइसेंस नवीनीकृत नहीं किया जाएगा। जल्द ही उन्हें परिसर खाली करने का लिखित आदेश भी दिया जाएगा।”
रिपोर्टों में बताया गया कि इस निजी एजेंसी के तहत कई टैक्सी दलाल सक्रिय हैं, जो अनजान यात्रियों को ऊंचे किराए वाली गाड़ियों की ओर ले जाते हैं। कई यात्रियों को इस काउंटर के पास जाते देखा, जो इसे वैध प्रीपेड सेवा समझ रहे थे। यह कियोस्क खासकर बाहर से आने वाले यात्रियों को भ्रमित करता है। रिपोर्टों में बताया गया कि इस निजी एजेंसी के तहत कई टैक्सी दलाल सक्रिय हैं, जो अनजान यात्रियों को ऊंचे किराए वाली गाड़ियों की ओर ले जाते हैं।
एक यात्री ने बताया, “यह मेरा कोलकाता का पहला दौरा है। मैं न्यूअलीपुर रिश्तेदारों से मिलने आया था। ‘प्रीपेड कैब’ काउंटर पर मैंने ₹860 चुकाए, यह सोचकर कि यह पुलिस की सेवा है। बाद में पता चला कि यह निजी ऑपरेटर है। पुलिस को हस्तक्षेप कर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।”
वहीं उसी मार्ग पर यात्रा साथी, उबर और ओला जैसी ऐप सेवाओं पर किराया ₹400 से ₹450 के बीच था। फिलहाल, बिधाननगर पुलिस एयरपोर्ट के विभिन्न कियोस्क से यात्रियों की ‘यात्री साथी’ कैब बुक कराने में मदद कर रही है। उबर, ओला, रैपिडो और स्नैपई जैसी अन्य ऐप सेवाओं के भी अपने काउंटर और प्रतिनिधि मौजूद हैं, जबकि यात्री सीधे मोबाइल ऐप से भी कैब बुक कर सकते हैं।
विवादित कैब संस्थान ने कहा कि उन्हें अभी तक एयरपोर्ट अथॉरिटी से कोई औपचारिक नोटिस नहीं मिला है। सोसायटी के अधिकारी ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा, “हम कार रेंटल एजेंसी हैं और दूरी के हिसाब से किराया वसूलते हैं। राउंड ट्रिप का किराया तभी लिया जाता है जब यात्री वापसी की मांग करते हैं। जो यात्री प्रीपेड टैक्सी पूछते हैं, उन्हें हम ‘यात्री साथी’ कियोस्क की ओर भेज देते हैं। ”हम पिछले 40 वर्षों से यहां सेवा दे रहे हैं और कोविड काल में भी यात्रियों की मदद की थी,” उन्होंने कहा।
बिधाननगर सिटी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस कदम का स्वागत किया और कहा कि यदि इन ऑपरेटरों को हटाया जाता है, तो टैक्सी दलालों की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी। हमने कई बार ऐसे दलालों को पकड़ा है जो इस ऑपरेटर के लिए काम करते थे और यात्रियों को बाहर से कियोस्क तक ले जाते थे।