सुंदरवन में हिल्सा पकड़ने पर 11 दिनों की पाबंदी

बंगाल की खाड़ी और सुंदरवन की नदियों में हिल्सा के प्रजनन के मद्देनजर लिया गया निर्णय पाबंदी 2 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक प्रभावी रहेगी
सांकेतिक ट्रॉलर की तस्वीर
सांकेतिक ट्रॉलर की तस्वीर
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काकद्वीप : हिल्सा मछली के प्रजनन काल में समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को सुरक्षित रखने और मादा हिल्सा के संरक्षण के लिए राज्य मत्स्य विभाग ने एक बार फिर मछली पकड़ने पर 11 दिनों के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह पाबंदी 2 अक्टूबर से प्रभावी हो गयी है जो 12 अक्टूबर तक जारी रहेगी। मत्स्य विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि इस दौरान बंगाल की खाड़ी और सुंदरवन की नदियों में किसी भी प्रकार की मछली पकड़ने की अनुमति नहीं होगी। विभाग ने जिला स्तर पर सभी मत्स्यजीवी संगठनों को दिशा-निर्देश भेज दिए हैं। जिला मत्स्य विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी दी, "नदी और समुद्री मार्गों पर हमारी सतत निगरानी जारी रहेगी। यदि कोई मछुआरा इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसके विरुद्ध कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" रायदीघी मत्स्यजीवी संगठन के सचिव ने बताया, "मौसम की शुरुआत से अब तक अधिकतर ट्रॉलरों को अपेक्षित मात्रा में हिल्सा नहीं मिली हैं। यदि 11 दिनों तक मछली पकड़ना बंद रहता है, तो हिल्सा की संख्या और आकार में वृद्धि की संभावना है। हम भी इस फैसले से आशान्वित हैं।" दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि इस अवधि में सुंदरवन के किसी भी घाट से ट्रॉलर, ट्रॉली, भुटभुटी या डिंगी नाव के माध्यम से मछली पकड़ने जाना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर पश्चिम बंगाल समुद्री मत्स्य अधिनियम 1993 एवं नियमावली 1995 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उल्लंघन की स्थिति में न केवल नाव को जब्त किया जाएगा, बल्कि नाव के मालिक और मछुआरों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाएगा। ऐसे में 11 दिनों का यह विराम न केवल मछलियों के लिए प्रजनन का उपयुक्त वातावरण तैयार करेगा, बल्कि मादा हिल्सा मछलियों की रक्षा भी संभव हो सकेगी। इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान निर्धारित है।

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