- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महतो के नाम का रखा था प्रस्ताव
रांची (झारखंड) : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के रवींद्रनाथ महतो मंगलवार को निर्विरोध रूप से झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष चुने गये। विधानसभा के 4 दिवसीय सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पद के लिए महतो के नाम का प्रस्ताव रखा और झामुमो विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने प्रस्ताव का समर्थन किया। रवींद्रनाथ महतो पूर्व में 5वीं झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुने गये, क्योंकि विपक्षी दलों ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया था। लगातार दूसरी बार विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने पर सोरेन ने सत्तारूढ़ गढबंधन की ओर से महतो को बधाई दी। सोरेन ने कहा, आपके नेतृत्व में हमने 5वीं झारखंड विधानसभा का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया। हमें आशा और पूर्ण विश्वास है कि पिछले सत्रों की तरह हम राज्य के समग्र विकास के लिए लोकतंत्र के इस मंदिर में एकत्रित होंगे। सोरेन ने विपक्षी दलों के सदस्यों से जनादेश का सम्मान करने और राज्य के विकास में रचनात्मक भूमिका निभाने का भी आग्रह किया।
वहीं भाजपा नेता और धनवार से विधायक बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि वे विपक्ष की बात सुनें , क्योंकि वे सदन में वास्तविक मुद्दे और जानकारी लेकर आते हैं। विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाये गये मुद्दों को गंभीरता से सुना जाना चाहिए। विधायक अक्सर सदन में ज्वलंत मुद्दे उठाते हैं, लेकिन बाद में उन्हें ज्यादा महत्व नहीं मिलता।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने कहा कि लोगों की अपेक्षाएं और आकांक्षाएं बढ़ी हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा, सभी विधायकों को एक नये झारखंड के निर्माण में रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए और राज्य को आगे ले जाना चाहिए। छठी विधानसभा में रचनात्मक और नये विचारों के साथ एक नया दृष्टिकोण और संकल्प होना चाहिए। बाद में उन्होंने बुधवार सुबह 11 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।