- केंद्र से 1.36 लाख करोड़ बकाया
रांची : एक लाख 36 हजार करोड़ की रकम पर केंद्र और झारखंड सरकार के बीच तकरार खड़ी हो गयी है। झारखंड सरकार का दावा है कि राज्य में कोयला खनन की रॉयल्टी और खदानों के लिए जमीन अधिग्रहण के एवज में केंद्र के पास यह रकम बकाया है। लेकिन केंद्र सरकार ने संसद में कहा कि झारखंड का उसके पास कोई बकाया नहीं है। केंद्र के इस स्टैंड पर झारखंड सरकार ने विरोध जताया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा है कि झारखंड की मांग जायज है। राज्य के विकास के लिए यह राशि जरूरी है। उन्होंने झारखंड के भाजपा सांसदों से अपील की है कि वे झारखंड की इस मांग पर आवाज बुलंद करें। झारखंड के सत्तारूढ़ गठबंधन ने केंद्र के पास कुल एक लाख 36 हजार करोड़ की राशि बकाया होने का मुद्दा विधानसभा चुनाव के दौरान भी प्रमुखता से उठाया था।
सोरेन अपनी सभाओं में बार-बार कहते रहे कि केंद्र ने झारखंड का पैसा रोक रखा है, जिसकी वजह से राज्य में विकास की योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। सोरेन ने सोशल मीडिया पर पहली प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री सोरेन ने इसी साल सितंबर महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मुद्दे पर एक पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था झारखंड राज्य का सामाजिक-आर्थिक विकास मुख्य रूप से खनन और खनिजों से होने वाले राजस्व पर निर्भर करता है, जिसमें से 80 प्रतिशत कोयला खनन से आता है। झारखंड में काम करने वाली कोयला कंपनियों पर मार्च 2022 तक राज्य सरकार का लगभग 136042 करोड़ रुपये का बकाया है।