नयी दिल्ली: विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) के संस्थापक एवं चेयरमैन क्लॉस श्वाब का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम की वैश्विक मुहिम में भारत एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कोविड-19 के टीके के बड़े स्तर पर विनिर्माण की के लिये भी भारत की भूमिकामहत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इन सबके साथ कोविड-19 के बाद की दुनिया में किसी भी अगली महामारी से लड़ने तथा पर्यावरण में बदलाव और आर्थिक असमानता समेत अन्य गंभीर वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिये बेहतर अंतरराष्ट्रीय समन्वय सुनिश्चित करने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण होने वाली है।
कोरोना ने सामाजिक-आर्थिक संकट पैदा कर दिया है
श्वाब ने 50 साल पहले विश्व आर्थिक मंच की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 दुनिया के समक्ष फिलहाल उपस्थित सबसे गंभीर संकट है, लेकिन हम इसके साथ ही मानव इतिहास की सबसे बुरी पर्यावरणीय त्रासदी से भी गुजर रहे हैं। श्वाब ने जिनेवा को दिये एक साक्षात्कार में कहा, ‘सामाजिक-आर्थिक रूप से हम जिस विभाजन और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, वह पीढ़ी में सबसे खराब है। हमें एक हमारी अर्थव्यवस्थाओं और हमारे समाज को लेकर मूलभूत पुनर्विचार में बड़ा परिवर्तन करने की जरूरत है।’
उन्होंने कहा, ‘हमें सिर्फ क्षति की भरपाई ही नहीं करना चाहिये, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था और सामाजिक प्रणाली की व्यापक कमियों को भी दूर करना है। ग्रेट रीसेट के लिये प्राथमिकताओं में से एक हमारे सामाजिक अनुबंध को फिर से परिभाषित करना है। यह भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिये विशेष रूप से प्रासंगिक है, जहां अभी तक सामाजिक कल्याण प्रणाली वैसी नहीं बन पायी है, जैसी यूरोप के कुछ देशों, स्कैंडिनेवियाई देशों आदि में हैं।’