
कोलकाता : रक्षा बंधन का पर्व हर साल सावन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस साल रक्षा बंधन का त्योहार 11 अगस्त 2022, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। रक्षा बंधन के दिन बहनें शुभ मुहूर्त पर अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं ताकि उनका जीवन धन-धान्य से भरा रहे और उन्हें किसी भी तरह के संघर्ष का सामना ना करना पड़े। वहीं भाई, बहनों को उनकी रक्षा का वचन देते हैं। कुछ क्षेत्रों में इस पर्व को राखरी भी कहते हैं। यह सबसे बड़े हिन्दू त्योहारों में से एक है। तो आइए जानते हैं इस बार रक्षा बंधन पर किस शुभ मुहूर्त में राखी बांधी जाएगा, भद्राकाल का समय क्या रहेगा और बहनों को इस दिन किस तरह की राखी नहीं बांधनी चाहिए।
रक्षा बंधन शुभ मुहूर्त 2022
इस साल 11 अगस्त 2022 को पूर्णिमा तिथि सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर शुरू होगी और और 12 अगस्त 2022 को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में बहनें 11 अगस्त को सुबह 8 बजकर 51 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 19 मिनट के बीच राखी बांध सकती हैं।
रक्षा बंधन भद्रा काल का समय
रक्षा बन्धन भद्रा अन्त समय – रात 08 बजकर 51 मिनट पर
रक्षा बन्धन भद्रा पूँछ – शाम 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक
रक्षा बन्धन भद्रा मुख – शाम 06 बजकर 18 मिनट से 08 बजे तक
रक्षाबंधन में भूलकर भी ना लें ऐसी राखी
रक्षा बंधन से कई दिन पहले ही मार्केट में राखियां बिकने लगती हैं। इस दौरान मार्केट में अलग-अलग प्रकार की राखियां बिकती हैं। ऐसे में अगर आप भी अपने भाइयों के लिए राखी खरीदने जा रही हैं तो कुछ बातों का खास ख्याल रखें। आप अपने भाई को ऐसी राखियां ना बाधें जिससे उनकी लम्बी उम्र के बजाय उन पर मुसीबत आ जाए। तो ऐसे में ज्योतिर्विद करिश्मा कौशिक से जानते हैं रक्षाबंधन पर भूलकर भी कौन-सी राखी नहीं लेनी चाहिए।
राखी लेते समय हर बहन यह सोचती हैं कि वह अपने भाई के लिए ऐसी राखी ले जो बहुत सुंदर हो और राखी को देखते ही भाई खुश हो जाए। लेकिन क्या आप जानते हैं राखी के कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं।
राखी लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा बड़े आकार की राखी खरीदने से बचें। आकार में बड़ी होने के कारण यह राखी आसानी से टूट भी सकती है जिससे आपके भाई को अपने जीवन में कई तरह के कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। इससे आप दोनों के रिश्ते पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
राखी लेते समय इस बात का भी ख्याल रखें कि राखी में काला रंग ना हो। काले रंग को सकारात्मकता और नकारात्मकता दोनों का ही प्रतीक माना जाता है लेकिन पूजा सामग्री में काले रंग का इस्तेमाल करना वर्जित होता है। ऐसे में जिन राखियों में काला रंग होता है, उन्हें शुभ नहीं माना जाता । इसलिए कोशिश करें कि राखी में काला रंग ना हो।
आप अपने भाई के लिए चांदी की छोटे आकार की राखी ले सकती हैं। साथ ही आप ऐसी राखी भी ले सकती हैं जिसमें ओम या स्वास्तिक का चिह्न बना हो।
अगर आपके घर में कोई पुरानी राखी पड़ी है तो उसे ऐसे ही फेंकने की गलती ना करें, ऐसा करना राखी का अपमान माना जाता है। आप राखी को उतारकर बहती हुई नदी या पानी में प्रवाहित करें।