नई दिल्ली: अकेलापन, पति की मौत और पैसे की तंगी..। राजधानी दिल्ली के वसंत विहार इलाके के एक फ्लैट में मां और दो बेटियों के मिले शव के बाद हर कोई इस खुदकुशी से परेशान है। कभी एक हंसता-खेलता परिवार के साथ ऐसा क्या हुआ कि उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा? पुलिस इस सामूहिक आत्महत्या की कड़ियां जोड़ने की कोशिश कर रही है। उधर, पड़ोसी परिवार के बारे में अलग-अलग बातें बता रहे हैं। सवाल उठता है कि इस ट्रिपल सुइसाइड की मिस्ट्री क्या है?
पति की मौत और डिप्रेशन में पूरा परिवार
मृतक मंजू श्रीवास्तव (55), बड़ी बेटी अंकिता (30) और छोटी बेटी अंशिका (26) काफी मिलनसार थीं। उनके घर में काम करने वाली ने बताया कि कोरोना काल से पहले उनका घर काफी खुशहाल था। इस परिवार ने मेरे बच्चे के पैदा होने के वक्त मेरी काफी मदद की थी। वसंत अपार्टमेंट में रहने वाले लोग भी मंजू के इस कदम से स्तब्ध हैं। लोगों ने बताया कि ये फैमिली जानवरों से प्यार करता था। रिजर्व रहता था। हालांकि, पैसे की तंगी की बात लोग स्वीकार करते हैं। पुलिस इसे आत्महत्या का केस मान रही है। अंगीठी से निकलने वाली गैस से दम घुटकर सबकी मौत हुई है।
एकलौते कमाने वाले शख्स थे उमेश
पड़ोस में रहने वाली पम्मी मुदगल ने बताया कि मृतक का परिवार 90 के दशक के दौरान यहां शिफ्ट हुआ था। ये कानपुर के रहने वाले थे। इस परिवार के दो फ्लैट थे। मंजू के पति सीनियर एकाउंटेंट थे। उनकी दोनों बेटियां बीकॉम की पढ़ाई कर चुकी थीं। उमेश इस घर के एकलौते कमाने वाले शख्स थे। उन्होंने बताया कि उमेश काफी अच्छे व्यक्ति थे। वह जब भी किसी से मिलते से तो दुआ-सलाम जरूर करते थे। हालांकि, इस परिवार के अन्य सदस्य शायद ही कभी घर के बाहर दिखते थे। 2018 में जब मुदगल के घर में काम लगा था तो वह उमेश के दूसरे फ्लैट में रहती थीं। 2018 में मैं आखिरी बार उनके फ्लैट में रेंट देने गई थी। नहीं तो उनकी बेटियां खुद ही मेरे घर से रेंट ले जाती थीं। इस रेंट से वे अपनी मां के लिए दवाई लाती थीं।
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