
नई दिल्ली : महाराष्ट्र में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया है। नागपुर में थैलेसीमिया से पीड़ित चार बच्चो को एड्स पीड़ित व्यक्ति का खून चढ़ा दिया गया। यह खून चढ़ते ही पहले से ही थैलेसीमिया जैसे मर्ज़ की मार सह रहे बच्चे एचआईवी पॉजिटिव भी बन गए। जब तक यह बात डॉक्टरों की समझ में आती तब तक एक बच्चे ने दम भी तोड़ दिया। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से बच्चे की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी। स्वास्थ्य विभाग के सहायक उप निदेशक डॉ. आर.के. धाकाटे ने खुद इस बात की जानकारी दी कि थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे खून चढ़ने के बाद एचआईवी पॉजिटिव हो गए हैं। एक बच्चे की जान भी चली गई है। इस मामले की जांच के लिए अब कमेटी का गठन किया जायेगा, जांच में दोषी पाए गए व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की बात की जा रही है।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि थैलेसीमिया एक ऐसा रोग है जिसमें शरीर में खून नहीं बन पाता है, इसलिए मरीज़ को समय-समय पर खून चढ़ाना ही पड़ता है ताकि उसकी साँसें चलती रहें। ऐसे मरीजों का ख़ास ख्याल रखा जाता है। यह बीमारी माँ-बाप से बच्चो में आती है। इस बीमारी को लेकर लगातार जागरूकता फैलाने का काम किया जाता है।