
– ‘एमएसपी रहेगी जारी, मंडी नहीं होगी खत्म’ – रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर समेत अन्य नेताओं ने स्पष्ट किया
नई दिल्ली : दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान जमे हुए हैं। आज सोमवार को किसान आंदोलन का 5वां दिन है। वे अपनी मांगें पूरी होने तक दिल्ली बॉडर पर डटे रहने के लिए तैयार होकर आए हैं – उनकी गाड़ियों में राशन, बर्तन, कंबल पर्याप्त मात्रा में लदे हुए हैं। गौरतलब है कि तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों के प्रदर्शन के बीच केंद्र सरकार सक्रीय हुई है। सरकार की ओर से किसानों को बातचीत का न्योता दिया जा रहा है, साथ ही अब केंद्रीय मंत्रियों की ओर से कृषि कानून के मामले पर सफाई भी दी जा रही है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर समेत अन्य नेताओं ने सोमवार सुबह ट्वीट कर कृषि कानून के बारे में जानकारी दी और कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखने की अपील की। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लिखा, ‘नए कृषि कानून मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दी है, जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पाएगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर।’
नए कृषि कानून APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियाँ पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दी है। जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पायेगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर। #FarmBills pic.twitter.com/xRi35CkOTs
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) November 30, 2020
उनके अलावा केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी ट्वीट किया। जावड़ेकर ने लिखा कि कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज़्यादा #एमएसपी पर बेचा। एमएसपी भी जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है।
कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज़्यादा #MSP पर बेचा। MSP भी जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है।
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) November 30, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात द्वारा किया स्पष्ट
बता दें कि सरकार किसान की फसल के लिए एक न्यूनतम मूल्य निर्धारित करती है, जिसे एमएसपी कहा जाता है। कृषि कानून को लेकर किसानों की सबसे बड़ी चिंता एमएसपी की ही है। ऐसे में सरकार की ओर से लगातार इन समस्याओं को दूर करने की कोशिश की जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से किसानों को तीन दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया गया है, इसके अलावा खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपील करते हुए कहा था कि अगर किसान बुराड़ी स्थित मैदान में आते हैं तो उनसे तुरंत भी बात हो सकती है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने मन की बात कार्यक्रम में कृषि कानून के फायदे गिनाए थे और किसानों से किसी तरह की अफवाह में ना आने की अपील की थी।
किसानों ने दी थी चेतावनी
गौरतलब है कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर टिकरी बॉर्डर पर यातायात पूरी तरह से बंद है। वहीं हरियाणा जाने के लिए झारोदा, धानसा, दरौला, झाटीखेड़ा, बादुसरी, कपासहेड़ा, रजोकरी NH-8, बिजवासन, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं। दिल्ली पुलिस ने एक ट्वीट के जरिए यह जानकारी साझा की है। किसानों ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार के सशर्त बातचीत स्वीकार नहीं करेंगे।
किसानों ने सोमवार को चेतावनी दी कि यदि सरकार का यही रुख रहा तो राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले सभी 5 प्रवेश मार्गो को भी बंद कर देंगे। गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि इन कृषि सुधारों से संबंधित कानूनों के बारे जिक्र करते हुए कहा था कि इससे किसानों को नए अधिकार और अवसर मिले हैं और किसानों को इसका लाभ उठाना चाहिए। बहुत कम समय में उनकी परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है।