जम्मूः ‘मैं मेरे आईटीबीपी के करीब 40 साथियों के साथ सुबह अमरनाथ यात्रा के पोशपथरी कैंप से निकला। 11 बजे के आसपास जब हमारी बस पहलगाम में फ्रिसलाना के पास एक मोड़ पर पहुंची तो ड्राइवर अचानक चिल्लाकर बोला कि बस का ब्रेक नहीं लग रहा है, ब्रेक फेल हो गया है। बस कुछ सेकेंड के बाद ही बस मोड़ से 250 मीटर गहरी खाई में गिर गई। इसके बाद कुछ समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है।’ अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज के बेड पर लेटे आईटीबीपी के हेड कॉन्सटेबल खेरनार बापू ने एक मीडिया हाउस को ये वाकया बताया।
आईटीबीपी की तीसरी और चौथी बटालियन के जम्मू की तरफ जा रही थी इसी बस में खेरनार बापू भी शामिल थे। बापू को भी पैर में चोट आई है। आगे वो बताते हैं कि ‘बस गिरने की आवाज सुनकर कुछ लोकल मुस्लिम लोग भागते हुए मदद करने आए और उन्होंने जवानों को निकालने का काम शुरू किया। इसके बाद हमें पहलगाम ले जाया गया। इसके बाद हमें अनंतनाग लाया गया।’
‘मैंने आखों के सामने अपने साथियों को तड़पते देखा’
बापू बताते हैं कि ‘मेरे साथ जो जवान बस में आ रहे थे, हादसे के बाद मैंने अपनी आंखों से उन्हें तड़पते हुए मरते देखा है। मुझे ये सब देखकर बहुत बुरा लगा। हालांकि मैं अब ठीक हूं। मैं मीडिया के माध्यम से अपने परिवार को बताना चाहता हूं कि मेरी स्थिति ठीक है और सुरक्षित हूं।’
‘बस बेकाबू हुई और खाई में जा गिरी’
जम्मू कश्मीर के सांबा के ही रहने वाले आईटीबीपी जवान नीलकांत शर्मा ने बताया कि ‘हम अपने साथियों के साथ बसमें आ रहे थे। अचानक से मोड़ पर बस बेकाबू होकर नदी वाली खाई में जा गिरी। मुझे नहीं पता कि कितने जवानों की इस हादसे में मौत हुई। मुझे भी चोटें आई हैं और अब हमारा इलाज चल रहा है।’