
नई दिल्ली : नीदरलैंड्स की टीम वर्ल्ड कप 2023 के लिए जोर-शोर से तैयारी कर रही है। हाल ही में नीदरलैंड्स की टीम ने जिम्बाब्वे में हुए वर्ल्ड कप क्वलिफायर में दूसरा स्थान प्राप्त किया। बेंगलुरु में नीदरलैंड्स की टीम ने एक कैम्प लगाया है। इस कैम्प में बतौर नेट बॉलर डिलीवरी एक्जीक्यूटिव का काम करने वाले लोकेश को चुना गया है। नीदरलैंड्स की टीम एक तरफ वर्ल्ड कप का सपना देख रही है और दूसरी तरफ डिलीवरी करने वाले बंदे की पूरी लाइफ बदल गई। ICC वर्ल्ड कप 2023 की तैयारी में दुनियाभर की टीमें लगी हुई हैं। इस साल वर्ल्ड कप भारत में खेला जा रहा है। क्रिकेट का महा संग्राम शुरू होने से पहले नीदरलैंड्स की टीम बेंगलुरु में ट्रेनिंग कर रही है।
नेट बॉलर्स की जरूरत
नीदरलैंड्स की टीम ने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर करके बताया कि उन्हें नेट बॉलर्स की जरूरत है। नीदरलैंड्स की टीम ने चार नेट बॉलर्स को सेलेक्ट किया। इन चारों में से एक स्विगी डिलीवरी एक्जीक्यूटिव भी है। एक सोशल मीडिया पोस्ट ने इस युवा खिलाड़ी की लाइफ बदल दी। नीदरलैंड्स क्रिकेट के आधिकारिक एक्स (पहले ट्विटर) अकाउंट के अनुसार इस स्विगी कर्मचारी का नाम लोकेश है। वो काम करने के साथ ही IPL में खेलने के अपने सपने को पूरा करने के लिए मेहनत कर रहा है।
पहले था पेसर फिर बना स्पिनर
8 साल पहले वो पेसर था और फिर स्पिनर बन गया। नीदरलैंड्स क्रिकेट ने ट्विटर पर एक दूसरा वीडियो भी शेयर किया। इसमें नेट बॉलर्स खिलाड़ियों के साथ नजर आए। ये भी बताया जा रहा है कि चारों नेट बॉलर्स भारत के अलग-अलग कोने से सेलेक्ट किए गए हैं।
कैसे हुआ लोकेश का सेलेक्शन ?
लोकेश कुमार ने बताया कि ये उनके करियर का सबसे सुनहरा वक्त है। उन्होंने अभी तक TNCA थर्ड डिवीजन लीग बी नहीं खेला। लोकेश ने कहा, ‘एडवर्टाइजमेंट देखने के बाद मैं किस्मत आजमाना चाहता था। मुझे लगा कि मैं दूसरे खिलाड़ियों से थोड़ा अलग हूं क्योंकि देश में Wrist Spin बॉलर्स कम हैं। नीदरलैंड्स को मिस्ट्री स्पिनर की तलाश थी, मैंने बॉक्स पर टिक कर दिया। मैंने सोचा देखते हैं क्या होता है।’
बुधवार, 20 सितंबर को लोकेश कुमार ने नीदरलैंड्स कैम्प जॉइन किया। नीदरलैंड्स मैनेजमेंट ने तकरीबन 10,000 बॉलर्स का ट्रायल लेने के बाद लोकेश का सेलेक्शन किया। लोकेश ने बताया कि खाना डिलीवर करना ही उनके आय का साधन है। लोकेश ने कहा, ‘कॉलेज के बाद मैंने क्रिकेट पर फोकस किया। मैंने चार साल क्रिकेट को दिए। 2018 में मैंने नौकरी करने की सोची। मैं चार साल से स्विगी के साथ काम कर रहा हूं। खाना डिलीवर करके ही पैसे कमाता हूं। मेरे पास कोई दूसरा आय का साधन नहीं है। वर्क टाइमिंग भी फ्लेक्सिबल है, जब इच्छा होती है तब मैं छुट्टी ले सकता हूं।’